PTSR MCQ set – 8
#1. हारीतनुसार गर्भोपद्रव है।
#2. अतिभोजन कर व्यवाय करने से उत्पन्न योनिव्यापद है।
#3. प्रसुवोत्सुका एवं आसन्नप्रसवा प्रसव की अवस्था मानी है।
#4. निम्न अवस्था में योनिपथ में गुडशुण्ठी द्वारा लेपन किया जाता है।
#5. HCG is found in urine 2 days after missed period is…… test
#6. गर्भसंग व गर्भ का मूढ होना प्रकार का है। क्र.
#7. गौरी नाडीपर वीर्यपात का फल है।
#8. स्त्री शरीर में कुल पेशियाँ होती
#9. माधव निदान के अनुसार ‘योनिकन्द’ आकार होता है।
#10. कफज स्तन्यदोष के इस गुण से हृद्रोग होता है ।
#11. शरीर धारण करनेवाले आप धातु का नाम है। यो.. र.
#12. स्फुरद्भुजकुचश्रोणिनाभ्यूरूजघनस्फिकाम् ।… का लक्षण है।
#13. अष्टममास में क्षीर यवागू पानार्थ निषेध किया ।
#14. In ovarian cyst sign is present
#15. स्त्री शुक्र एवं बाल शुक्र का वर्णन किया है।
#16. ‘Torch’ infection suggests……
#17. In primipara second stage of labour required
#18. मृग, अजादि का रक्तपान इस योनिव्यापद की चिकित्सा में वर्णित है।
#19. स्त्री के न्युब्ज स्थिति में गर्भाधान किया तो लक्षण उत्पन्न होता है।
#20. शोणितेगर्भाशय बीजभावयवः प्रदोष मापद्येते तदा
#21. माधव निदान नुसार गर्भस्राव….. मास तक होता है।
#22. इस वर्ण की स्त्रियों के लिए न्यग्रोध निर्मित सुतिकागृह है।
#23. योनिमंणुद्वारा कुर्यात…. सा । बा.
#24. ……..गर्भ वाताभिपन्न गर्भ माना जाता है।
#25. ‘शुक्र मंड समान रहने पर गर्भ का वर्ण होता है।
#26. Diameter of vagina is measurs about
#27. वातज पित्तज कफज मूढगर्भ के प्रकारआचार्य ने वर्णन किये है।
#28. बंगसेननुसार निम्न में से आमज शोध के लक्षण है।
#29. वाग्भट ने मानी विप्लुता योनि चरक की… योनि सम है।
#30. गर्भस्तु मातुः पृष्ठाभिमुख ललाटे कृतान्जलि: संकुचितागो गर्भ कोष्ठे ।
#31. हाथ पैर से गर्भनिर्मिती प्रारम्भ होती ऐसा मत ….. का है।
#32. मुक’ बालक को…. इस गर्भोपघातक भाव स्वरूप प्राप्त ‘ होता है।
#33. Fishy smell discharge is known as
#34. उदावर्ता योनिव्यापद के लक्षण ….तुल्य है।
#35. स्तम्भ: स्त्रावश्च कुचयो सिराजालेन संततः । शोथ शूल रुजादाहैः स्तनः स्प्रष्टुं न शक्यते ।
#36. Shape of non pregnant uterus is
#37. डल्हणनुसार स्त्री श्रोणि का अंगुली प्रमाण है।
#38. ..त्वधावनात सन्जात जन्तु- कण्डुला अतिरति प्रिया |(वा)
#39. परिहियमाणो गर्भः चिरात किंचित स्पंदते। सं. शा. 4/13
#40. सुखप्रपानौ विशेषण प्रयुक्त होता है।
#41. क्षत्रिय द्वारा काम्येष्टी यज्ञ में चर्म प्रयुक्त होते है।
#42. भवत्यऽस्पंदनो गर्भः । चरक
#43. परुषट, बट इस द्रव्य के साथ शुक्र दोष की चिकित्सा करनी चाहिए।
#44. आचार्य….. ने आवी शब्द के लिए ग्राही प्रयोग किया है।
#45. ‘छर्दि निश्वास निग्रहात ‘….. योनिव्यापद का प्रमुख हेतु है
#46. मक्कल व्याधि दोष प्रधान है
#47. जोडीयां मिलाएं। 1) किंशुकोदकस्त्राव 2) वसामज्जासमस्त्राव 3) पुलाकोदकसस्त्राव a) ध्वजभंग b) वातज प्रदर c) सन्निपातिक प्रदर
#48. प्रसव बाद अपरा का व्यास रहता है।
#49. Vacation pills contain the
#50. तत्र आदौ स्तन्यशुद्ध धात्री…. प्रपादीत्।
#51. चरक के अनुसार योनिव्यापद के हेतु है ।
#52. तृष्णालु भिन्न विट शिशुः । नित्यमुष्ण शारीरश्च… स्तन्यदोष सेवन का दुष्प्रभाव है।
#53. Purperium is period measures about approx
#54. स्वाभाविक गर्भसंग…. प्रकार से होता है ।
#55. स्त्री में स्तनरोग के हेतु एवं संख्या इस व्याधि के समान है।
#56. गर्भिणी मत्स्य मांस का नित्य सेवन करे तो गर्भ… होता है।
#57. Pale white colour Lochia is called
#58. भग को स्मरमंदिर कहा है।
#59. संरक्ष्यतेऽभिघातेभ्यः कुक्कुट्यण्डमिवागता…. संबंधी वर्णन आया है ।
#60. रक्तप्रदर चिकित्सा में…. रस प्रधान चिकित्सा करें।
#61. मयुरग्रीवा संकाश या पश्यती हुताशमनम्। स्त्री के लक्षण है।
#62. शुक्र शोणित गर्भाशयस्य आत्म प्रकृति विकार समुर्च्छित । संदर्भ
#63. Breadth, length and thickness of ovary is…..respectively.
#64. Fallopion tube at uterine opening measure
#65. पुंसवन विधि इस माह तक करने का प्रावधान है।
#66. असृग्दर व्याधि में चिकित्सा करे ।
#67. This is called pace maker of uterus
#68. वामपार्श्व स्थिति में गर्भ धारण हुआ तो… दोष उत्कट होता है।
#69. क्षामप्रसन्नवदना’ इस अवस्था में स्त्री लक्षण
#70. 16 cell stage of fertilization is called as:
#71. Meconium stained amniotic fluid suggests
#72. गर्भ का पोषण इस न्याय से होता है। वाग्भट.
#73. प्रतापलंकेश्वर रस में सर्वाधिक प्रमाण में पाया जाता है।
#74. संग्रहनुसार स्त्री रज: काल दिन का रहता है।
#75. जीवनीय सिद्ध क्षीर इस योनिव्यापद की चिकित्सा है।
#76. Oral contraceptive pills are started on…… day of menstrual cycle.
#77. सुतिका स्त्रीस प्रथम 3-5 दिन में अग्निबल का विचार कर मण्ड……साथ में लेना चाहिए।
#78. Fishy smell discharge of purperium is called as
#79. अतिसारयोगाद् वा गरयोगात्तथैव च।……..का हेतु है।
#80. Tabacco juice colour of amniotic fluid suggests
#81. सुश्रुतनुसार गर्भ में गौर वर्ण का कारण है।
#82. Weight of placenta is
#83. योषितोऽपि स्त्रवत्येवं शुक्र पुंसः समागमे संबंधी है।
#84. बीज इति… च.शा. 3-23 चक्र
#85. स्तन्य का अंजली प्रमाण है।
#86. रजस्वला स्त्री को विशेष व्याधि होता है।
#87. Treatment advised in fibroid uterus is
#88. आत्रेय ने पुष्यानुग चूर्ण का अनुपान वर्णन किया |
#89. पुलाकोदक संकाश स्त्राव -… नपुंसकता का लक्षण है।
#90. नित्यवेदना योनिव्यापद में पायी जाती है। सुश्रुत
#91. Life span of the corpus luteumn is….
#92. Palmer sign is present at …….. weeks of pregnancy
#93. तिलपुष्पप्रतिकांश योनिकंद है।
#94. अपद्रव्य प्रयोग योनिव्यापद हेतु आचार्य ने वर्णन किया है।
#95. Most common type of breech presentation is
#96. स्त्रिणा गर्भाशय…..। सु.शा. 5/8
#97. वाग्भटानुसार गर्भसंग… से नहीं होता ।
#98. Dusky hue of vestibule and anterior vaginal wall present in…. sign
#99. …..चिकित्सार्थ आमगर्भ का उपयोग करना चाहिए।
#100. …….हि मृतगर्भा अवस्था में चिकित्सा करनी चाहिए।
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