Padarth Vijnanam Set – 1
#1. कुमारिल के अनुसार पदार्थ कितने है ?
#2. अग्नि में शीतलता न होना’ यह इस अभाव का उदाहरण है ।
#3. आधिभौतिक गुण कितने है ?
#4. उत्तमशास्त्र के कितने लक्षण बताये है।
#5. देह की कर्मशक्ति को बांधनेवाला गुण कौनसा है ?
#6. या कलनात् सर्व भूतानां स कालः परिकीर्तितः । संदर्भ ?
#7. नैयायिक प्रमाणविचार का ने स्वीकार किया है ।
#8. सुश्रुत के अनुसार पदार्थ है ।
#9. उपमान के प्रकार है ।
#10. जैनोक्त तत्व है ।
#11. वल्लभाचार्य कृत बाद निम्न में से है।
#12. स्वप्न के प्रकार है ।
#13. काष्ठा’ निम्न में से किसका पर्याय है?
#14. ककुभ निम्न में से इसका पर्याय है ।
#15. किसी कारण बिना आकस्मिक घटना का घटजाना अर्थात् ।
#16. अनुमान परिक्षा भयं ….।
#17. मूल प्रकृति की संख्या है।
#18. अनन्यथासिद्ध नियतपूर्ववृत्तित्वं । (तर्कसंग्रह) —
#19. कार्यरूप तेज महारूप का परिमाण है ।
#20. संस्कारमात्रजन्यं ज्ञानं ….।
#21. इस आचार्य ने अभाव यह पदार्थ माना नहीं ।
#22. वेग, भावना, स्थितिस्थापकत्व ये इसके प्रकार है ।
#23. आकाश की उत्पत्ति हुयी है।
#24. पौराणिकों ने प्रमाण माने है ।
#25. येन अनुमियते तद् अनुमानम् । इस सूत्र का संदर्भ है ।
#26. आत्मा के अस्तित्व की उपलब्धि इस प्रमाण से होती है ।
#27. सामान्य गुण कितने है?
#28. पूर्वमीमांसा दर्शनोक्त द्रव्य कितने है ?
#29. सत्कार्यवाद के कितने मुद्दे है ?
#30. भावाभ्यासनम् ……………… शीलनम् सततक्रिया ।
#31. प्रशस्तपाद के अनुसार आकाश महाभूत में यह गुण नहीं होता ।
#32. पराजय प्राप्ति स्थान अर्थात्……..।
#33. सुश्रुतोक्त तंत्रयुक्तियाँ कितनी है ?
#34. असमवायीकारण है।
#35. कणाद मत से यह चेतनावान है ।
#36. मन की वृत्ति है ।
#37. विष्णुपुराण के अनुसार आत्मा के प्रकार है ।
#38. अचेतन द्रव्यों में होनेवाली हलचल . … यह कर्म है ।
#39. वैभाषिक सम्प्रदाय……..से संबंधित है ।
#40. संघातवाद किसने बताया ?
#41. औलूक्य दर्शन कहलाता है।
#42. विश्वलक्षणा गुणाः । इस सूत्र का संदर्भ है ।
#43. अणुत्वं एकत्व ये मन के है ।
#44. अतिन्द्रिय ग्राह्य गुण है ।
#45. अजातवाद किसने बताया ?
#46. न्यायदर्शन में प्रमाण वर्णित है ।
#47. अधिकरण अवयव कितने है ।
#48. निम्न से यह पदार्थ का सामान्य लक्षण है ।
#49. पंचास्तिकाय में इसका समावेश नहीं होता ।
#50. सुख-दुख का कारण इसके अधीन होता है ।
#51. अथातो धर्मजिज्ञासा’ यह कृत सूत्र है ।
#52. तर्कसंग्रह के अनुसार सामान्य के प्रकार है ।
#53. अग्नि का नैमित्तिक गुण है।
#54. सिषाधयिषा विरहित सिद्धि का अभाव अर्थात् – -।
#55. अविद्या के प्रकार है ।
#56. चरकाचार्य ने कार्यकारणभाव के कितने मुझे बताये है ।
#57. इन्द्रियार्थ सन्निकर्ष के प्रकार है ।
#58. समस्त विश्व को जीवन प्रदान करने वाला जल है ।
#59. क्षालने ….. ।
#60. कार्य रूप वायु महाभूत का परिणाम है ।
#61. एकदेशापकर्षन यथा’ इस का संबंध इस तंत्रयुक्तिसे है ।
#62. तर्कसंग्रह ग्रंथ के रचयिता है।
#63. अरुणदत्त के अनुसार अर्थाश्रय है ।
#64. त्रिगुणों के परस्पर संबंधों का स्पष्टिकरण निम्न में से इसके द्वारा किया है ।
#65. यात्राकरः स्मृतः । (सुश्रुत)
#66. अष्टांगसंग्रह के अनुसार तंत्रयुक्ति है ।
#67. .. सा या विक्रियमाण कार्यत्वम् अपद्यते ।
#68. बौद्धदर्शन में ……… प्रमाण वर्णित है ।
#69. ‘उपस्थ’ की देवता है ।
#70. देशबंधश्चित्तस्य — ।
#71. इन गुणों को चिकित्सा उपयोगी गुण कहा जाता है ।
#72. ज्योतिष्य शास्त्र के अनुसार विद्युत के प्रकार है ।
#73. पुष्पफलवंतो वृक्षाः । यह सूत्र निम्न में से इसका है।
#74. निम्न पर्यायों में से अतिन्द्रियग्राह्य गुण है ।
#75. प्रमुख प्रमेय है ।
#76. अरुणदत्त के अनुसार तंत्रदोष व कल्पना क्रमशः है ।
#77. पूर्वमीमांसा’ दर्शन के रचयिता है ।
#78. सजातीयभ्यो व्यावर्तनं — 1 (वामनाचार्य)
#79. शुक्लभास्वर इस महाभूत का गुण है ।
#80. तमोबहुला….।
#81. कर्मनीयतीवाद इस दर्शन ने बताया है ।
#82. प्रत्यक्ष प्रमाण किसने बताया है ।
#83. प्रमाणों से सिद्ध न किया गया किंतु अस्थायी रूप से ग्राह्य तत्कालीन स्विकारीत सिद्धांत होता है ।
#84. यत्र यत्र धूमस्तत्र तत्राग्निरिति साहचर्योनियमो । (तर्कसंग्रह)
#85. उभयगुण (मूर्त और अमूर्त) कितने है ?
#86. आदित्य इस लोकगतभाव का पुरुषगत भाव है ।
#87. यत्रावयवधारा अविश्रान्तिः स परमाणुः ।
#88. तांत्रिककार के अनुसार प्रमाण है ।
#89. संदिग्ध साध्यवान..
#90. आचार्य चरक नुसार त्रिदण्ड में इसका समावेश नहीं होता ।
#91. निम्न में से ये गुण चिकित्सा सिद्धि के उपाय है ।
#92. परिमिता का वर्णन इस दर्शन में आया है ।
#93. एकत्व ब्रह्म और विवर्तवाद को यह दर्शन मानता है ।
#94. वस्य द्रव्यस्थ विवरणे शक्तिः स ……
#95. तात्पर्य टीका ग्रंथ इस दर्शन से संबंधित है ।
#96. सहेतु के प्रकार है ।
#97. जैनदर्शनोक्त तत्त्व “संवर” के प्रकार है।
#98. ऐतिह्य प्रमाण अर्थात….. प्रमाण
#99. ‘ऐतिह्य’ प्रमाण निम्न में से कौनसा प्रमाण है ?
#100. तत्र पक्षाश्रितयोर्वचनं । (च.वि.)
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