Kriya Sharira MCQ Set – 5
#1. स्पर्शवैगुण्य इसका लक्षण है।
#2. रक्तक्षय का लक्षण है।
#3. Which one of the hormone is not secreated by adenohypophysis part of pitutary gland?
#4. Acetone is excreted
#5. अत्याधिक भय से इस स्त्रोतस की दुष्टी होती है।
#6. बसुमन्त’ इस प्रकृति का लक्षण है।
#7. सुश्रुत के अनुसार ‘अन्तर्दाह’ लक्षण इस अवस्था में पाया जाता है।
#8. सुश्रुतनुसार शुक्रवह स्त्रोतस का स्थान है।
#9. ओज का हेतु है । (च.चि. 15/3)
#10. Wharton’s duct is the duct of gland
#11. सांख्य नुसार अहंकार के प्रकार है।
#12. मंदविकार’ इस की विशेषता है।
#13. Nucleoli contain
#14. हमाल’ व्यवसाय में मुख्यतः इस वातदोष प्रकार का प्रकोप होता है।
#15. Diabetes mellitus
#16. Antineuritic factor is the
#17. शरीर में स्वेद इस के आश्रय से रहता है। (अ.ह. सू. 11/26)
#18. Increase in the intestinal motality is due to which hormone?
#19. वायोवक्त्रसंचारी स…..
#20. श्यावाङ्गता इस खोतोबिय
#21. लोकपुरुष सिद्धान्तानुसार ‘मरुत’ है।
#22. Cholesterol is formed in this organ.
#23. बल’ के भेद है।
#24. कफदोष प्रकारों का सर्वप्रथम सविस्तर वर्णन किया ।
#25. श्रीमद् भ्राजिष्णु’ इस सारता का लक्षण है।
#26. रंजितास्तेजसा त्वापः शरीरस्थेनं देहिनाम् । अव्यापन्नाः प्रसन्नेन.. .. मित्यभिधीयते ।।
#27. सुश्रुतनुसार स्वेदवह स्त्रोतस का मूलस्थान है ।
#28. Prolong administration of drug like steriods, ACTH causes
#29. Green colour blindness is called
#30. Phagocytosis is one of the funciton of this organ
#31. वातशोणित व्याधि का स्थानसंश्रय इस जगह पर होता है।
#32. रक्तज व्याधि में चिकित्सा करनी चाहिए।
#33. देहमार्दव कर्म है ।
#34. वातशोफ ऑज की किस अवस्था का लक्षण है।
#35. Highest concentration of vitamin C in the body is found in the
#36. Megaloblastic anaemia is due to deficiency of
#37. समानवायु का स्थान नाभि के 1⁄2 अंगुल बाम बाजु मेंबताया !
#38. Which of the following is the representative of thermogenesis and biotransformation
#39. मनोविबोधन, मनोरथ, मनोधारण कर्मो को 1) प्राणवायु 2) उदान वायु 3) संमानवायु 4 ) साधक पित्त के कर्म को क्रम से लगाये।
#40. This objective is used for RBC counting
#41. Function of endoplasmic reticulum of cell is
#42. त्वचा और मांसधातु के बीच में रहने वाला धातु है ।
#43. तावुभावपि संश्रित्य वायुः पालयति प्रजा संदर्भ
#44. Duration of 1st Heart sound is…
#45. धातुपोषण न्याय का सर्वप्रथम वर्णन इस आचार्य ने किया ।
#46. अकाली शयन एवं जागरण से वायु का प्रकोप होता है।
#47. ज्यरातिसारप्रभृतीतां च दीर्घकालानुबंधः । इस पक्रियाकाल अवस्था का लक्षण है।
#48. उपवेशन है।
#49. उष्ण एवं रुक्ष गुण से शरीर में बदल होते है।
#50. यह मद्यप्रकार स्तन्यवृद्धी का हेतु नहीं है।
#51. विषारी द्रव्य मुख्यतः इस गुण के कारण पाचन न होते हुये संपूर्ण शरीर मे व्याप्त होते है ।
#52. Peyer’s patches are found in the
#53. ओज एवं तेज के बारह स्थान इस आचार्य ने माने है।
#54. The end of normal expiration, volume of gas in the lungs is knows as
#55. इस आचार्य ने ओज को ‘पंचरसयुक्त’ कहा है।
#56. त्रिदोष’ का समावेश इसमें होता है।
#57. पुरीषवह स्रोतस का मूल स्थान है।
#58. मज्जासार व्यक्ति का लक्षण है।
#59. Mouth to mouth respiration is effective method for directly stimulate the respiration centers due to
#60. लवण रस का विपाक है । .
#61. श्लेष्माशयांना शून्यता इस अवस्था का लक्षण है।
#62. चक्षु एवं बुद्धि वैशेषिक यह आलोचक पित्त के प्रकार इस संहिता में वर्णित है।
#63. Chemistry bulb is used for this blood test
#64. हृदय प्रदेशी इस दोष का आधिक्य होता है।
#65. दक्षिणायण में उत्पन्न बनस्पतियों में यह रस बलवान होता है।
#66. चरक के नुसार गर्भाशय में सर्वप्रथम उत्पन्न होता है।
#67. Night blindness is due to deficiency of
#68. शब्दसहिष्णुता’ लक्षण है ।
#69. यह वायु अग्नि का पालन करता है।
#70. शारंगधर नुसार ‘नेत्रजल’ इस धातु का मल है।
#71. This is the reservior of blood in the body
#72. इस अवस्था में हृदयपार्श्वपीडा होती है ।
#73. अग्रिवेषम्य’ लक्षण इस में पाया जाता है।
#74. …….. . चेत समचायी’ किसके लिए कहा है।
#75. वाग्भटनुसार रंजक पित्त का स्थान है।
#76. आचार्य भेल के अनुसार यह वायु शरीर में शोषण, मूत्रपुरीषादि क्रियाओं पर नियंत्रण रखने में श्रेष्ठ है। ( भेल सू. 16/22)
#77. सर्गादि’ इस लोकगत भाव से साधर्म्य रहनेवाला पुरुषगत भाव है।
#78. State of equilibrium is controlled by cranial nerve
#79. तीनों कुपित दोषों का समान बल होने पर प्रथम चिकित्सा करनी चाहिए।
#80. रक्तधातु में ‘गैरीकोदकप्रतिकांश’ गुणधर्म आता है।
#81. अवस्थापाक में उत्पन्न दोषों को कहते है ।
#82. Total length of GI tract in adult is
#83. मनोअम’ इस वायु के प्रकोप से उत्पन्न होता है ।
#84. डल्हणनुसार पुरण इस बायु का कर्म है।
#85. सुश्रुत ने असंदिग्ध स्पर्शज्ञान इस धातु का कर्म बताया है।
#86. इसमें ‘बलभ्रंश’ लक्षण होता है ।
#87. श्रीमद् भ्राजिष्णु’ इस सारता का लक्षण है।
#88. Diabetes mallitus is due to
#89. मनः सखा है।
#90. शरीरस्थ त्रिदोष प्राकृतावस्था मे जब शरीर का धारण करते है तब उन्हें गौणरूप से कहते हैं। (शा.सं.प्र. खं. 5 / 24 )
#91. Lateral geniculate body is concerned with
#92. Borderline range of cholesterol is…mg/dl
#93. आयुर्वेदानुसार त्वचा का का परिमाण उपयोगी है। परिणाम मापन के लिए इस धान्य
#94. सत्व आत्मा और शरीर के संयोग को पुरुष कहते है ।
#95. Known as growth inducer
#96. Intrinsic factor is secreted by
#97. चरक के मतानुसार अस्थिधातु का मल है।
#98. अनवस्थित् स्कन्धपाणिपादा’ लक्षण वातप्रकृति में इस गुण के कारण।
#99. …..is responsible for humoral immunity
#100. सुश्रुत नुसार रक्त का वीर्य है।
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