Kriya Sharira MCQ Set – 4
#1. त्वचा और मांसधातु के बीच में रहने वाला धातु है ।
#2. वीर्यप्रधानमौषधद्रव्यं रसप्रधानमाहारद्रव्यश्च । किस आचार्य ने कहा है।
#3. अवष्टंभ’ कार्य है।
#4. कार्श्य स्थौल्य निमित्ता) (सु. सू. 21 )
#5. Iron channel is an example of
#6. अरुषि’ लक्षण उत्पन्न होता है।.
#7. शस्त्र, क्षार एवं अग्नि कर्म से इस स्त्रोतोगत व्याधि की चिकित्सा करते है।
#8. मज्जाक्षय का लक्षण है।
#9. इस ऋतु में अम्ल रस का आधिक्य होता है।
#10. अग्नि एवं पित्त को इस आचार्य ने अभेद बताया है।
#11. In the following types of cell division, centriole is non functional
#12. Somatostatin is produced by…….cells of pancreas.
#13. Platelets are formed in the
#14. The function of the lymphatic system includes all
#15. आपादतल मस्तक’ इल धातु का स्थान है।
#16. शरीर, इंद्रिय, सत्व एवं आत्मा के संयोग को कहते है।
#17. Estrogens are mainly excreted in
#18. हेमंत ऋतु में इस गुण के कारण पित्त का शमन होता है।
#19. षड्रस में सबसे ज्यादा उष्ण गुणात्मक रस है ।
#20. Lifespan of platelets are
#21. Which is the action of the GIP from given below.
#22. या एव पित्तधराकला सा एव…….. ।
#23. सिरा, स्नायू, धमनी, स्त्रोतस इस कला के स्थान है।
#24. Cyanide poisoning affects functions of
#25. मज्जाधातु का वर्ण है।
#26. सुश्रुत वर्णित ऋतुकाल यह चरक से इतने दिन से कम है।
#27. कफदोष प्रकारों का सर्वप्रथम सविस्तर वर्णन किया ।
#28. ष्ठीवण’ इस वायु का कर्म है।
#29. आचार्य अरुणदत्त ने ‘ओजोवृद्धिकर’ कर्म बताया है।
#30. अष्टांगसंग्रह नुसार ‘प्रीणन’ इस वायु का कर्म है ।
#31. इस काल में मनुष्य का बल कम कम होता है।
#32. पित्त के तिक्त रस का वर्णन इस आचार्य ने किया है।
#33. Secretion of castle’s intrinsic factor is occurs in
#34. देशांतर गति है।
#35. Bile Salt
#36. शारंगधर ने इस कफ प्रकार को ‘स्नेहन’ कहा है।
#37. श्रीमद् भ्राजिष्णु’ इस सारता का लक्षण है।
#38. Stensen’s duct is a duct of this gland
#39. Value of desirable cholesterol is
#40. निम्न में पंचमहाभूत एवं रस का सहि विकल्प चुनिए ।
#41. मनोविबोधन, मनोरथ, मनोधारण कर्मो को 1) प्राणवायु 2) उदान वायु 3) संमानवायु 4 ) साधक पित्त के कर्म को क्रम से लगाये।
#42. सूचि’ पर्याय है!
#43. आग्नेयं………।
#44. लवण रस का विपाक है । .
#45. सुश्रुत ने इस वायु को पवनोत्तम कहा है।
#46. Following conditions cause excessive bleeding, Except
#47. Iron-deficiency anemia is characterized by
#48. योग्य जोडियाँ लगाए । a) कर्णमल b) जिव्हामल c) अक्षिमल d) नासामल >> i) दूषिका (ii) खमल iii) सिंघानक iv) काकुलक
#49. पुरीष को उपस्तम्भ किसने कहा है ?
#50. Pellagra is caused due to the deficiency of…
#51. इस प्रकृति को उत्तम प्रकृति कहते है ।
#52. धातु के क्षय वृद्धी का विशेष कारण है।
#53. अम्लिका पिपासा परिदाह’ इस अवस्था में उत्पन्न लक्षण है।
#54. धमनीशैथिल्य लक्षण इस अवस्था में दिखता है । (सुश्रुत )
#55. स्नेहः…….. जनयति ।
#56. It helps in the formation of Angiotensin in thekidney
#57. Hemophilia is due to the deficiency of
#58. Swallowing center is situated in
#59. मनोअम’ इस वायु के प्रकोप से उत्पन्न होता है ।
#60. Sperms develop motility in
#61. उमेन युक्ता रुक्षायाः(अ.हृ.12 ) हेतु का ऋतुनुसार एकत्रित परिणाम होता है।
#62. ग्रीष्म ऋतु में वात का संचय इस गुण से होता है।
#63. Root value of knee Jerk
#64. काश्यप के अनुसार ओज का स्थान होता है।
#65. आहारपरिणमन भाव से अन्न में शिथिलता आती है।
#66. . द्रव्य भेद से गुण प्रकार है । (च.. शा. 6 / 17 )
#67. Liver is covered by thin fibrous connective tissue cover called as
#68. Cholesterol is formed in this organ.
#69. खल्बऽपि सप्त भवति धात्वाशयान्तर मर्यादाः | सु.शा. 4 utte
#70. आचार्य हारित ने इस वर्ण के स्त्री का दुग्ध श्रेष्ठ माना है।
#71. अत्याधिक भय से इस स्त्रोतस की दुष्टी होती है।
#72. चरक के नुसार गर्भाशय में सर्वप्रथम उत्पन्न होता है।
#73. ‘अन्तकरण चतुष्ट्य’ में समावेश नहीं है।
#74. The term brain of the gut used to refer to the
#75. देव, पितृ, ऋषि आदि में इस पित्त प्रकार का प्रभाव अधिक होता है। (भेल) ।
#76. Antineuritic factor is the
#77. तार्क्ष्य अनुकत्व इस प्रकृति से है ।
#78. पुरीषवह स्त्रोतस की चिकित्सा इस व्याधिवत करनी चाहिए।
#79. भगंदर व्याधि इस त्वचा के आश्रय से होता है।
#80. pH of the bile secretion is
#81. समानवायु का स्थान नाभि के 1⁄2 अंगुल बाम बाजु मेंबताया !
#82. शरीर का तर्पण, वर्धन, धारण एवं यापन इससे होता है।.
#83. इंद्रिय धारण’ इस वायु का कर्म है।
#84. Efferent for erection of penis is
#85. अग्न्याशय में अग्रि का प्रमाण है।
#86. आचार्य चरक, सुश्रुत एवं वाग्भट अनुसार त्वचा के प्रकार क्रमशः है।
#87. प्लीहावृद्धि इस पुरुष में पायी जाती है।
#88. इस रस का सेवन दीर्घकाल प्रयोग से बलकर है।
#89. Total filling phase duration in ventricular diastole is.
#90. काश्यपनुसार सात्विक, राजसिक एवं तामसिक काय के प्रकार क्रमश: है ।
#91. Lungs tidal volume is
#92. विशुद्ध’ चक्र मे दल की संख्या है।
#93. दोषधातुमलमूलं देहस्य । संदर्भ है।
#94. मेदधातु का अंजली प्रमाण है।
#95. अंगमर्द लक्षण इस कारण से उत्पन्न होता है।
#96. इस धातु का पर्यायी नाम ‘कौशिक’ है।
#97. चरक, सुश्रुत व वाग्भट नुसार विशद गुण क्रमशः इस दोषों का है।
#98. गट में न बैठने वाला शब्द चुनिये ।
#99. This mineral facilate the complete oxidation of carboydrate, protein & fat.
#100. When light is thrown in one eye there is ………. of pupil in…………yes.
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