KB MCQ set – 8
#1. साथ्य कुष्ठ संख्या में है।काश्यप
#2. घृतपानं प्रथमत: शस्यते स्तनकीलके यह वचन है।
#3. चरकनुसार असम्यक नाभि कर्तन से होने वाले व्याधि है।
#4. संग्रह अनुसार नामकरण संस्कार करें।
#5. काश्यप नुसार उपवेशन संस्कार इस मांस में करते है ।
#6. स्तन्य अभाव में प्रथम दिवस……पान करना चाहिए।
#7. Birth at<37 weeks of gestational age called
#8. प्रसूति से उत्क्लेशित बालक को…….. से सेचन करे।
#9. हृदयं तु विशेषण……स्थानमुच्येत। काश्यप
#10. आचार्य हारीत ने क्षीरदोष बताए हैं।
#11. उर्ध्वस्तनी माता के स्तनपान से बालक में व्याधि होता है।
#12. धात्रया पय शोध्य पित्त श्लेष्म हरौषोध, चिकित्सा है।
#13. सूर्यप्रभा न सहते’ व्याधि का लक्षण है।
#14. हृदीशूलंज वर्धते………यह वेदना लक्षण व्याधि का है।
#15. परिभवं’ व्याधि है।
#16. सुश्रुत अनुसार वय के मध्यम अवस्था वय तक होती है।
#17. Teeth is recognised cause of
#18. यह स्तन्यनाश का कारण है।
#19. इस व्याधि में राजतैल से अभ्यंग करने का विधान है।
#20. Drug of choice in typhoid fever
#21. True things about Sabin vaccine
#22. भृंश शिर: स्पन्दयति…..व्याधि वेदना है।
#23. मेदस्वी धात्री में प्रायः चिकित्सा श्रेष्ठ है।
#24. Age of early neonate measures about .
#25. Haemophilia A in new born is due to deficiency of factor
#26. कण्डराओं की संख्या है।
#27. काश्पसंहिता के मूलकर्ता कौन है।
#28. …… अधन्यं मलिष्ठं दंत उत्पत्ति है। (काश्यप)
#29. बालक बुद्धिमान होने के लिए गर्भवस्था की चौथे मांस में संस्कार करे।
#30. Head Circumference of full term normal baby is
#31. चरकनुसार नाभि नाल कर्तन दुरी पर करे।
#32. उपशीर्षक व्याधि है।
#33. लवण रस यह कृमि प्रकार काऔ विशेष हेतु है।
#34. Prenatal Period extends from 22nd week of gestation to…..day after birth
#35. श्लैष्मिक स्तन्य सेवन…..इस का हेतु है।
#36. निरुत्साह नष्ट अग्नि रुधिर स्पृह वेदना लक्षण है।
#37. पृष्ठभंगे बिडालानां बहिणांच शिखोद्गमे संबंधी वर्णन है।
#38. क्षीरज फक्क मैं धात्री क्षीर दोष प्रधान है।
#39. मानुष दुग्ध के गुण है।(अ.ह.)
#40. Moros reflex disappear at
#41. बालक में छवी हास…. वर्ष तक होती है।
#42. असाध्य जातिहारिणी की संख्या है।
#43. निम्न में से कफज स्थन्यदोष है।
#44. मासे निष्क्रामध्येवान नमस्कर्तु स्वलंकृतान…….।
#45. Neonatal Period is of days….
#46. बालचातुर्भद्रावलेह का अनुपान है।
#47. Newborn upto a week after birth is known as
#48. Vitamin D deficiency in children causes
#49. निम्नत: ‘मनुष्य विग्रही’ ……ग्रह है।
#50. बालकों में marasmus व्याधि के लक्षण इस ग्रह से मेल खाते हैं।
#51. अष्टांग आयुर्वेद में कौमारभृत्य को प्रथम स्थान दिया है।
#52. Baby of age can draw the circle
#53. काश्यपनुसार धमनी मूल है।
#54. संग्रहनुसार नाभि रोग है।
#55. मातृस्तन्य अभाव में दुग्ध दे।
#56. Cleft lip may be occurs
#57. बाल्यावस्था में परिपक्व व अपरिपक्व धातु वर्णन इस आचार्य ने किया।
#58. Parachute relflex develops upto…..
#59. ओष्ठ दंहास संकोचस्तंभबस्तामगग्धता:।
#60. संरब्ध करचरणैश्च मृत्यतीव ग्रह लक्षण है।
#61. वर्चकर्म न कुर्वनित बाला ये च त्रयहात।बालक है।
#62. Koplik’s spots are present in
#63. गुदपाके तु बालनां…..कारयते क्रियाम्। सुश्रुत
#64. In ‘Torch’ infection T-taxoplasmosis is infection of
#65. तुण्डीनाभि चिकित्सार्थ प्रयोग करें।
#66. त्रिपुरुषानुकम् नवप्रतिष्ठीतमं’यह वर्णन बालक के नाम से संबंधित है।
#67. Hatchson’s triad found in
#68. सुखायेंत भृद्धमान,शुनं स्त्रवति सस्योढा
#69. सुश्रुतनुसार नारीस्तन्य का अनुरस होता है।
#70. वाग्भट के नुसार क्षीरालसक में वमन चिकित्सा दे।
#71. अग्निना प्रबल: स्वेदो दहेवापि शलाकश्च जठरे बिन्दुकाकारा जायन्ते भिषगुत्तम। किस रोग की चिकित्सा है।
#72. अभय घृत का प्रयोग व्याधि में करे।(काश्यप)
#73. कर्णवेधन संस्कार….मास में करे।
#74. आचार्य चरक के नुसार बालक में विवर्धमान धातु अवस्था वर्णन की है।
#75. माधवनिदान नुसार ग्रहों की संख्या है।
#76. तालुमांसे…..कृद्ध: कुरूते तालुकण्टकम। वाग्भट
#77. तत्र……… शुक्रशोणित दोषत्वया:। व्याधि का वर्णन है।
#78. फक्क् चिकित्सा में सर्व प्रथम शिशु को…… दिन तक कल्याणक घृत पान कराकर स्नेहन कराना चाहिए।
#79. स्तन्यप्रवर्तन के पूर्व बालक को 2 रे दिन देना चाहिए।
#80. हारीतनुसार……..क्षीर दोष के कारण कुकुणक उत्पन्न होता है।
#81. स्तनपान त्याग, रोदन, खेद इ. लक्षण इस विकार से संबंधित है।
#82. In human milk protein is
#83. तेपि त्रिविधा: क्षीरपा क्षीरान्नादां अन्नाद इति।
#84. खण्डित दंत उत्पत्ति मास में होती है।
#85. दंतसंपत लक्षण में ‘पुर्णता’ लक्षण निम्न में से दर्शाता है।
#86. अस्तनात: स्नात रुपश्च स्नातश्च्य अस्नात दर्शन यह वेदना लक्षण है। काश्यप
#87. ……… रोगाणाय् सर्वोषामपि कारणम्। अष्टांग हृदय
#88. Immunodeficiency syndrome may be correlated with
#89. कृमिकुठार रस की भावना है।
#90. यह ग्रह विरेचन साध्य है।
#91. त्रिचक्ररथ’ विशेष चिकित्सा है।
#92. Pulse rate in new born is
#93. मध्ये द्वावुत्तरो…..संज्ञा भवत:। (काश्यप)
#94. This vaccine should not given at 6th week of birth
#95. काश्यप के अनुसार स्नेहविचारण है।
#96. दंत शीघ्र नहीं निकलने का कारण….।
#97. पावनी…ग्रह का पर्यायी नाम है।
#98. कुमारस्य भरणधिकृत कौमाल भृत्यम। संदर्भ
#99. Foramen ovale is enclosed after birth
#100. निम्नत: धात्री गुण में से अयोग्य प्रयाय चुने।
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