KB MCQ set – 6
#1. Apgar score……..Between is considered as normal
#2. कुमारी में दंतुपत्ति शीघ्र होती है, क्योंकि
#3. तन्त्रीवर्णो ल्पश स्त्राव: पिच्छिल:..जन्मानी।
#4. त्रिचक्ररथ’ विशेष चिकित्सा है।
#5. प्रततंरोदन ज्वर…..के पूर्व रूप है।
#6. शांरंगधानुसार 2 वर्ष के बालक के लिए औषधि मात्रा होनी चाहिए।
#7. लक्षणाध्याय काश्यप संहिता के स्थान में वर्णित है।
#8. नैगमेष ग्रह उत्पत्ति इस से हुई।
#9. शकुनी ग्रह का विशेष लक्षण है।
#10. रोगाध्याय परिषदं में निज,आगन्तु 2 रोग वर्णन आचार्य ने किये है।
#11. After 3 year,children are best examined in this position
#12. एक संवत्सर तक बालक होता है।
#13. एकमाल ‘क्वा हेम’ लेहन करने से बालक को प्राप्त होता है।
#14. काश्यपाचार्य नुसार श्वित्र है।
#15. Urine is passed with in…..hrs after birth
#16. बालकों में marasmus व्याधि के लक्षण इस ग्रह से मेल खाते हैं।
#17. Calculate the dose of drug for the 4 year child,if adult dose is 1 gm by Young’s formula
#18. चरक के रक्षाकर्मार्थ यज्ञ करने का निर्देश किया है।
#19. Infant opens the mouth and turns toward stimuli is
#20. Saucer like epiphyseal ends seen in…….X rays
#21. तण्डुलबली होम’ …… बालक के लिए प्रयुक्त होता है।
#22. गुदकुट्ट’ व्याधि की चिकित्सा….व्रण
#23. तत्: पश्चात् परे काले विज्ञया किस जातिहारिणी का लक्षण है।
#24. खण्डतालु दोषप्रधान है।
#25. ऋतुनुसार लेहन प्रयोग इस आचार्य की देन है।
#26. ओजसर का विशेष वर्णन काश्यप ने….. अध्याय में किया
#27. अष्टांग आयुर्वेद में कौमारभृत्य को प्रथम स्थान दिया है।
#28. क्षीरालसक में कारणीभूत यह स्तन्य दोष है।
#29. Malnourishment causes if weight losses up to
#30. अस्तनात: स्नात रुपश्च स्नातश्च्य अस्नात दर्शन यह वेदना लक्षण है। काश्यप
#31. अम्लपित्त का स्वतंत्र वर्णन आचार्य ने किया है।
#32. इस आचार्य ने रसांजन का प्रयोग गुदपाक में बताया है?
#33. काश्यपनुसार अन्नप्राशन इस नक्षत्र पर करना चाहिए।
#34. अमृतोद्भुत……रसायनम् । काश्यप
#35. स्वस्थवृत्तपरो बालो न शेते यदा निशी।
#36. बालक को मुध्निरुजा होने पर यह लक्षण मिलता है। (अ. सं.)
#37. क्षयी नित्यसंपतात दंत उत्पत्ति का भेद है।
#38. याप्य जातिहारिणी की संख्या है।
#39. ….. से होने वाले ग्रह चिकित्सा में साध्य होते हैं।
#40. स्तनपान त्याग, रोदन, खेद इ. लक्षण इस विकार से संबंधित है।
#41. सुश्रुत के नुसार वृद्धावस्था वय है।
#42. उपशीर्षक व्याधि है।
#43. पुरीष हरित द्रवं….ग्रह लक्षण।
#44. Stool is required for examination in polio
#45. Vitamin D deficiency in children causes
#46. Nocturnal bladder control arises at age
#47. कृमियुक्त दन्तउत्पत्ति मांस …. में होती है।
#48. लशुन बीज… रसात्मक होता है।
#49. गर्भिणी रूपमव्यक्त भजते सर्वमेव तु – व्याधि है।
#50. शिरो न धारयति यो भिह्यते जृम्भते मुह: रोग लिए है।
#51. कुरण्डव्याधि में दक्षिण वृषणपर शोथ हो तो वेधन करे।
#52. असम्यक नाडीकर्तन से होने वाले विकार में प्राय: चिकित्सा करें।।
#53. Physiological jaundice disappears after
#54. गर्भोदक अवमन निम्न में से व्याधि का हेतु है।
#55. …… नेत्रविकार दूषित स्तन्य के कारण होता है।
#56. कृमिकुठार रस का भावना द्रव्य है।
#57. विवर्णघुणं दंत उत्पत्ति मास में होता है।
#58. विशालस्तब्धनयन: पर्वभेदारतिक्लमी। लक्षण है।
#59. Umbilical cord falls between……days
#60. बालक में छवी हास…. वर्ष तक होती है।
#61. Dose and route of administration of measles vaccine is
#62. मध्ये द्वावुत्तरो…..संज्ञा भवत:। (काश्यप)
#63. तद्वदेव निशाव्युष्टो…साधुसाधित। कषाय कल्पना है।
#64. कुमारकल्याण रस का भावना द्रव्य है।
#65. निम्नत: धात्री गुण में से अयोग्य प्रयाय चुने।
#66. पृष्ठारू व्याधि में दोषहर चिकित्सा है।
#67. काश्यप अनुसार 30 दिन के बालक के लिए औषधि मात्रा निर्धारण किया है।
#68. साथ्य कुष्ठ संख्या में है।काश्यप
#69. Incubation period of rabies
#70. Parotid swelling is side effect of…… vaccine
#71. First step used for resuscitation is
#72. सिधुसंबंधी सत्य विधान है।
#73. प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय एस कम से ‘जातकर्म’ करना चाहिए। 1. स्तनपान 2. मधुसर्पिप्राशन 3. शीर्षत कुंभ स्थापन।चरक
#74. पावनी…ग्रह का पर्यायी नाम है।
#75. श्लैष्मिक दुग्ध सेवन से….फक्क की उत्पत्ति है।
#76. आचार्य चरक के नुसार बालक में विवर्धमान धातु अवस्था वर्णन की है।
#77. दो अक्षर, चार अक्षर वाला नाम है।
#78. निम्नत: अपुर्ण दिन प्रसव का हेतु है।
#79. क्षीरान्नाद बालक में औषधि मात्रा दे।
#80. लेहनार्थ अष्ट मंगल घृत कर प्रयोग निर्देशित किया है।
#81. निम्नत़: दशांगी धूप का घटक द्रव्य नहीं है।
#82. धात्रिद्वेष वित्रास उद्वेग तृष्णाभि…… वेदना लक्षण।
#83. माठरनुसार बालक में बस्ति प्रयोग करे।…
#84. वाग्भट के नुसार क्षीरालसक में वमन चिकित्सा दे।
#85. Monkey face is found in
#86. छर्दीतिसारं कासश्वास रसात्मक स्तन्य से उत्पन्न होना बताया है?
#87. अकस्मआदट्टहसन… व्याधि की वेदना है।
#88. काश्यपनुसार याक्ष्य सत्व….गुण प्रधान है।
#89. शंखाभवास स्तन्य का वर्णन इस आचार्य ने किया।
#90. इस आचार्य नुसार नामकरण 100वे दिन करे।
#91. कश्यप अनुसार फल प्राशन व अन्नप्राशन मास में करें।
#92. पित्त दूषित स्तन्य….रसात्मक होता है।
#93. दंततेजोवृद्धि के लिए दंतधावनार्थ उपयुक्त है।
#94. कर्कन्धुगोस्तनप्रख्या क्षीर उत्तम रसायन है।कारण क्षीर….है।
#95. महापह्य व्याधि प्राय दोष प्रमुख है।
#96. तालुपात में यह चिकित्सा प्रयुक्त होती है। (सुश्रुत)
#97. जन्म से नाभिनाल कर्तन कि अवस्था है।
#98. हारीत ने क्षीर दोष नहीं माना है।
#99. At birth route of administrations of vaccine is deltoid muscle
#100. आचार्य चारक नुसार स्तन्यदोष कितने है?
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