KB MCQ set – 5
#1. विशाख ग्रह की चिकित्सा में गण प्रयुक्त करें।
#2. यौवनावस्था वय की अवस्था है।
#3. तण्डुलबली होम’ …… बालक के लिए प्रयुक्त होता है।
#4. पूयशोणित गन्धता बालग्रह का लक्षण है?
#5. उपशीर्षक रोग का वर्णन किया है?
#6. Which of following sign not included in ricket
#7. अव्याहतबलाआयुरोगो वर्धते सुखम्। लक्षण है।
#8. काश्यपाचार्य ने वेदनाअध्याय स्थान में वर्णन किया है।
#9. Head Circumference at the age of 7 years
#10. काश्यप आचार्य ने प्रजनन शब्द का प्रयोग इस के वर्णन में किया है।
#11. प्रवाहणातिसाराभ्या’…..व्याधि के हेतु है।
#12. Umbilical cord falls between……days
#13. अष्मएं दिवसे आक्रान्त होनेवाली जातिहारिणी है।
#14. काश्यप ने ने सारों का वर्णन किया है।
#15. बालकों के रोगों में चिकित्सा की प्रायः जरूरत नहीं।
#16. चक्षुरोग कण्डुश्च क्षतश्लेष्माव स्त्राविता संक्लेदयुक्तं नासास्यं जायते। क्षारंदुग्ध रोग के लक्षण है।
#17. कृमिकुठार रस की भावना है।
#18. In Kwashiorkor level of thyroxine is
#19. सन्निरुद्धगुद व्याधि कि चिकित्सा इस व्याधि सामान करें।
#20. तन्त्रीवर्णो ल्पश स्त्राव: पिच्छिल:..जन्मानी।
#21. काश्यपनुसार धमनी मूल है।
#22. Baby can carries ring to mouth at the age of
#23. उत्तफुल्लिका व्याधि के चिकित्सा सूत्र के अनुसार प्रथम यह चिकित्सा करनी चाहिये। (हारीत)
#24. शकुनिग्रह से दूषित स्तन्य रसप्रधान होता है।
#25. Meconium is passed within…..hrs after birth
#26. गुडूची मधुकं द्राक्षा दशमूलं सदीपनम् रक्षोघ्नश्च पटोलश्च यस्य काश्यप ने वर्णन किया है
#27. काश्यप संहिता में कुल अध्याय है।
#28. माधवनिदान नुसार ग्रहों की संख्या है।
#29. …….. शिशो प्राणनाशनो बस्ति शिर्षज: ।। सूत्र प्रवर्तते।
#30. Baby recognize the stranger at month
#31. काश्यपनुसार गर्भिणी दौह्यदयनी होती है।
#32. प्रतीप दंतोत्पत्ति मांस में होती है। काश्यप
#33. Kwashiorkor disease mostly found in age
#34. यह ग्रह विरेचन साध्य है।
#35. Essential feature of kwashiorkor
#36. बहिरायाम लक्षण इस ग्रह बाधा में मिलता है।
#37. शारंगधर के अनुसार बालरोग वर्णित किये हैं।
#38. कटुतैल प्रयोग विशेषता व्याधि में करें। का.
#39. मोरट का वर्णन आचार्य ने किया है।
#40. सहज व्याधि है।
#41. Baby of age can draw the circle
#42. कृमिकुठार रस का भावना द्रव्य है।
#43. शंखाभ्यां हृदयं यति हृदयात वा गुंद व्रजेत व्याधि वर्णन है।
#44. सर्वप्रथम उत्पन्न होने वाले दांत है।
#45. एक मांस तक लेहन सेवन से…….गुण प्राप्त होते है।
#46. घर्षयेत अंग शयने। इसका लक्षण है।
#47. No. of ossification centre present at birth
#48. उपशीर्षक व्याधि है।
#49. White and black bands of hair are present in
#50. Measles is……. disease
#51. बालक में शैय्यामुत्र की चिकित्सार्थ प्रयुक्त करे।
#52. 12 साल तक एकांतिक औषधि का प्रयोग ना करें।
#53. मध्ये द्वावुत्तरो…..संज्ञा भवत:। (काश्यप)
#54. अभय घृत का प्रयोग व्याधि में करे।(काश्यप)
#55. स्त्री व गोदुग्ध वर्णन वर्णनुसार किया है।
#56. गर्भिणी रूपमव्यक्त भजते सर्वमेव तु – व्याधि है।
#57. अथामलकमात्रं तु परं विह्यान्न विवर्धयेत् यह औषधि मात्रा वर्णन की है।
#58. चरक ने ग्रह वर्णन किया है।
#59. Commonest malignancy in child is
#60. कण्डराओं की संख्या है।
#61. …… दंतधावन से दंत आरोग्य प्राप्त होता है।
#62. नागगुटी का अनुपान है।
#63. स्तन्य का प्रमाण होता है?
#64. विशाख ग्रह इस ग्रह का नाम है।
#65. निम्न में से ‘समाकार्या’ गुण है।
#66. उधर्व निरीक्ष्य हसनं मध्ये विनमनं ज्वर’ का लक्षण है।
#67. संग्रहनुसार दंत उत्पत्ति का प्रमुख कारण है।
#68. चरक के नुसार स्तन्यपान जातकर्मोपरान्त…… संस्कार करे।
#69. Calculate the dose of drug for the 4 year child,if adult dose is 1 gm by Young’s formula
#70. Registration of birth should be done in…..days
#71. काश्यप ने कषाय कल्पना वर्णन किया है।
#72. कर्कन्धुगोस्तनप्रख्या क्षीर उत्तम रसायन है।कारण क्षीर….है।
#73. Nocturnal bladder control arises at age
#74. सत्व का वर्णन काश्यप ने अधिक किया है।
#75. शोषो हल्लासच्छर्दिश्च शोफो ज्वरस्तथारुचि: गतिसारो विवर्मत्वमष्टी गर्भस्योपद्रवा: का वर्णन किया है।
#76. Prolactin relflex is the……. reflex
#77. तालुपात में यह चिकित्सा प्रयुक्त होती है। (सुश्रुत)
#78. असम्यक नाडीकर्तन से होने वाले विकार में प्राय: चिकित्सा करें।।
#79. यह व्याधि उल्ब दोष से उत्पन्न होता है।
#80. Common cause of crying of baby is
#81. अस्थि पिंजर यह लक्षण इस व्याधि का है।
#82. गुदभ्रंश में कौनसा बंध बांधते हैं?
#83. गुदपाक में विशेषतः चिकित्सा दे।
#84. ……. सर्वरोगेषु विशेषण कुकुंके। (वागभट)
#85. Incubation period of measles is
#86. जातस्य चतुरमांसात……स्वेद प्रयोजयेत:।
#87. महापह्य व्याधि प्राय दोष प्रमुख है।
#88. कुवेध को कर्णवेधन का उपद्रव होना बताया है।
#89. ‘न श्राद्ध अर्हति’ दंत का महत्व वर्णन किया है।
#90. ग्रहावेश के कारण है।
#91. मेधा हास की वयोमर्यादा शारंगधर के अनुसार है।
#92. Pulse rate in new born is
#93. धात्रिद्वेष वित्रास उद्वेग तृष्णाभि…… वेदना लक्षण।
#94. लेहन आयोग्य बालक है।
#95. Dwarfism is related with hormone
#96. रासना, कर्कटक, भारंगी चूर्ण +मधु, यह बालक का निंवारक योग है। (हीरात)
#97. Burnihide,lasning,leon are the strains of
#98. अष्टांग हृदय में बालरोगों का वर्णन….. स्थान में मिलता है।
#99. ओष्ठभेद व्याधि दोष प्रधान है।……
#100. गुदकुट्ट’ व्याधि की चिकित्सा….व्रण
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