Full Syllbus Test – 6
Results
#1. ………… के अतियोग, मिथ्यायोग व अयोग से शारीरिक व मानसिक व्याधि उत्पन्न होते है ? च.सू.1
#2. चरक के कण्डुघ्न महाकषाय में………….. द्रव्य का समावेश नहीं होता है।
#3. …… दोषनाशक कर्म दृष्टि प्रसादनार्थ हितकारक होता है। च. सू. 5/16
#4. चरक ने ओकसात्य का वर्णन कौनसे अध्याय में किया है?
#5. अध्यात्म द्रव्यगुणसंग्रह में… का समावेश नहीं होता है ?
#6. गम्भीरं बहुधातुस्थं मर्मसन्धि समाश्रितम्’ व्याधियों की साध्यासाध्यता…
#7. आहारचेष्टयोगजात्’ का संबंध कौनसे बलसे है ? च.सू.11
#8. वृष्यकर्म के लिये स्नेह की कौनसी मात्रा का उपयोग करते है ?
#9. प्रविचारणा स्नेह का प्रयोग कौनसी रूग्ण में करते है ?
#10. निम्नमें से कौनसे व्याधि में स्वेदन नहीं करना चाहिये ?
#11. दोषाणां च द्रुमाणां च मूलेऽनुपहते सति। यह निम्न में से किसके वैशिष्ट्य के संदर्भ में कहा है ?
#12. वायु की प्राकृत गति को प्राणियों का …….. गया है ? (च.सू.17/118)
#13. तिल, व्यंग, नीलिका व्याधि के दोष दुष्य क्या है? च.सू. 18
#14. चरक सूत्रस्थान 19 में आमज व्याधि के कितने प्रकार वर्णन किये है ?
#15. चरकानुसार अतिस्थूल व्यक्ति में कौनसे धातु की अतिवृद्धि होती है ?
#16. स्नान का समावेश कौनसी विधि के अंतर्गत होता है ? (च.सू.22)
#17. अल्पबल रूग्ण में वमन अतिसार अलसक आदि व्याधियां उत्पन्न होनेपर ……….. द्वारा लंघन किया जाता है ?
#18. विरूद्धवीर्याशनं………..कराणां ।
#19. वातानुलोमयति हृदयं सर्पयति’ यह कौनसे रस का लक्षण है?
#20. विदाहाच्चास्य कण्ठस्य’ यह कौनसे रस का लक्षण है ?
#21. चरक में आहारद्रव्य के वर्गिकरण में निम्न में से कौनसे वर्ग का वर्णन नहीं किया है ?
#22. पूतिर्घाणास्यगन्धश्च दन्तशूलमरोचकम्।……………यह कौनसे उपक्रम के लाभ है ?
#23. काकमाची द्रव्य की दोषघ्नता क्या है ? (च.सू. 27)
#24. चरक के नुसार दधि का विपाक क्या है ? (च.सू. 27)
#25. दीपनत्वाच्च् लघुत्वाच्च स्यात् प्राणधारकः । च.सू. 27
#26. श्वास कास हिक्का कौनसे रोगमार्ग के रोग है ?
#27. गलगण्ड, गण्डमाला यह कौनसे धातुप्रदोषज विकार है
#28. षडंगं अंगं विज्ञानं इन्द्रियार्थपंचकम् ।………..यह किसके आश्रित होते है ?
#29. यदृते सर्वभूतानां जीवितं नावतिष्ठते।’ यह किसका वैशिष्ट्य है ? (च.सू.30/9)
#30. चरक सूत्रस्थान के कौनसे अध्याय में नानात्मज विकारों का वर्णन किया गया है ?
#31. ऋतु अहोरात्र कौनसे संप्राप्ति भेदसे संबंधित है ?
#32. अत्यर्थं च शीतपिडका’ यह निम्नमें से किससे संबंधित है?
#33. तन्तुबद्धमिवालालं’ यह कौनसे प्रमेह का लक्षण है ?
#34. गुल्म के स्थान …………….. है।
#35. रक्तपित्त के मार्ग कितने है ?
#36. मण्डल कुष्ठ में कौनसे दोष का आधिक्य होता है ?
#37. अपस्मार पुनः …सम्प्लवाद् बिभत्सचेष्टमावस्थिकं तमः प्रवेशमाचक्षते । (च.नि.)
#38. आपातभद्रं प्रयोगसमासादगुण्यात् दोषसंचयानुबन्धं’ यह से संबंधित है ?
#39. स जीर्ण लक्षणापेक्षः।’ यह कौनसे आहार विधि विशेष आयतन से संबंधित है ?
#40. अलसक चिकिसा सूत्र क्या है ?
#41. संज्ञा का अनुमान……….द्वारा होता है ?
#42. क्रोध शोक भय कौनसी स्रोत्रस दुष्टि के हेतु है ?
#43. जो व्याधि अपने प्रकोपक कारणों से प्रकुपित तथा अपनी हि चिकित्सा से शान्त होता है उसे क्या कहते है ?
#44. कृमि चिकित्सा में कटु तिक्त कषाय द्रव्यों का प्रयोग ………… उपक्रम कहलाता है।
#45. ज्ञान की प्राप्ति के साधन को क्या कहते है ?
#46. वातिक एवायं व्याधिः इदमेवास्य भेषजं चेति । यह किसका उदाहरण है ?
#47. मनोबद्धिइन्द्रियशरीरतुष्टिः।’ यह किसका लक्षण है ?
#48. क्षेत्र कितने तत्वों का होता है ? च.शा. 1
#49. स्वरवर्णबीजसंप्रहर्षण’ यह कौनसे भाव है ?
#50. चरकानुसार गर्भिणी में स्तन्य प्रादुर्भाव कौनसे मास में होता है?
#51. निम्न में से कौनसा एक शरीरवृद्धिकर भाव है ?
#52. स्निग्धास्ताम्रास्तुंगाः कूर्माकाराः यह .. सम्पत् का लक्षण है?
#53. ललाट प्रदेशी धमनी जाल उत्पत्ति यह का अरिष्ट है?
#54. चरक चिकित्सास्थान एक में रसायन के कितने प्रकार बर्णन किये है?
#55. वाजीरकण की व्याख्या वाजीकरण अध्याय के कौनसे पाद में वर्णित है ?
#56. अहोरात्रे सततको द्वौ कालानुवर्तते ।।…. ..यह कौनसे ज्वर का लक्षण है ?
#57. रक्तपित्त व्याधि में वर्णित वासाघृत का अनुपान क्या है?
#58. चरक ने अयोरज का प्रयोग का वर्णन कौनसे शोध की चिकित्सा में किया है ?
#59. वातप्रधान कुष्ठों में सर्वप्रथम कौनसा उपक्रम करते है ?
#60. तिक्तक्षीर बस्ति का प्रयोग कौनसे गुल्म में करते है ?
#61. निम्न में से कौनसा उपक्रम पित्तज प्रमेह की चिकित्सा से संबंधित नहीं है ?
#62. संप्रबोधनम्’ चिकित्सा कौनसे व्याधि में करते है ?
#63. परिस्त्रसिनि अन्नपान’ का प्रयोग कौनसे उदर रोग में करते है?
#64. विदाहो अन्नस्य पाकश्च चिरात् कायस्य गौरवम्।’ …… कौनसे व्याधि का पूर्वरूप है।
#65. हिक्का व्याधि में प्रकुपित दोष कौनसे स्त्रोतसो के अवरोध को उत्पन्न करते है ?
#66. अन्तः आश्रित विसर्प की साध्यासाध्यता …
#67. आगन्तुज अतिसार के लक्षण कौनसे अतिसार के समान होते है?
#68. ज्वर, तृष्णा, वैस्वर्य कंप स्वरभेद यह कौनसे कास के लक्षण है?
#69. छर्दि व्याधि में सर्वप्रथम कौनसा उपक्रम करते हैं ?
#70. चरकानुसार विष का रस ………..?
#71. हृदशुन्यता लक्षण कौनसे हृद्रोग में पाया जाता है ?
#72. चरकानुसार घ्राणपाक व्याधि के दोष क्या है?
#73. अमृत घृत का रोगाधिकार क्या है ?
#74. चरकानुसार व्रण की परीक्षा कितने प्रकार की है ?
#75. पदं च व्यथत न्यस्तं शीतस्पर्श न वेत्ति च ? …… यह कौनसे व्याधि का लक्षण है ?
#76. चरकानुसार पक्षवध व्याधि में कौनसा लक्षण पाया जाता है?
#77. सिताकाश्यमर्यमधुकैर्हितमुत्थापने पयः।’ का प्रयोग…….. में किया जाता है?
#78. वातरक्त व्याधि में ‘सुप्तिकण्डूचिमिचिमायन्’ लक्षण उत्पन्न होने पर ………. द्वारा रक्तमोक्षण करते है ?
#79. षडाहात् सप्तरात्रातद्वा शुक्रं गर्भाशयं गतम् ।’ ……… यह विधान कौनसे योनिव्यापद से संबंधित है ?
#80. वृध्दिमायस्यतो याति भुक्तमात्रे च मार्दवम्।’…यह कौनसी हिक्का का लक्षण है ?
#81. धीविभ्रमः सत्वपरिप्लवश्च पर्याकुला दृष्टि अधिरता च।’ ……. यह से संबंधित है ?
#82. संशोधन स्नेहपान कि अधिकतम् काल मर्यादा ……दिन है।
#83. कफज व्याधियों में कितने निरूह का प्रयोग किया जाता है?
#84. मूले निषिक्तो हि यथा द्रुमम्’ वह उपमा…..की प्रशस्ति में कही गयी है ?
#85. पंचप्रासृत बस्ति में क्षीर का प्रमाण कितना होता है ?
#86. विरेचनार्थ त्रिवृत् कल्क की मात्रा कितनी है ?
#87. ज्वर हृद्रोग वातरक्त व्याधि में विरेचनार्थ अधिक पध्य द्रव्य कौनसा है ?
#88. राजकोशातकी कौनसे द्रव्य का पर्याय है ?
#89. अनुवासन बस्ति के अतियोग से ….उत्पन्न होता है ?
#90. शरद ऋतु में अनुवासन बस्ति का प्रयोग कब करते हैं ?
#91. सुश्रुतानुसार प्रशस्त व्रण के गुण कितने है ?
#92. रजोधूमाकुला दिशः’ यह कौनसे ऋतु का लक्षण है ?
#93. मसूराकृतिभिः कीलैरक्यद्धानि’ यह कौनसे यन्त्र का वैशिष्ट्य है?
#94. धारा निशानार्थ किसका प्रयोग करते है ?
#95. षड्विध रोगाणां विज्ञानोपाय में से ……… द्वारा जाती का ज्ञान होता है ?
#96. निम्न में से कौनसी व्याधि में पानीय क्षार का प्रयोग निषिद्ध है ?
#97. मूढसंज्ञता लक्षण कौनसी अवस्था में पाया जाता है ? सु.सू. 15
#98. तोद व कण्डु लक्षण व्रणशोफ की कौनसी अवस्था में पाया जाता है ? सू.सू. 17
#99. सुश्रुतानुसार प्राकृत पित्त का रस क्या है ? …….सु.सू. 21
#100. चिपिटिकावन्तो व्रण’ का स्वरूप कौनसी अवस्था में पाया जाता है ?
#101. सर्पिःसमान स्राव कौनसे अधिष्ठान के व्रणसे उत्पन्न होता है?
#102. अल्प मांसप्रदेशस्थ स्थानपर सीवनार्थ उपयुक्त सुचि…….?
#103. गण्डुपद यंत्र का कर्म ……है।
#104. सर्व शरीरबाधाकरं शल्यम् ॥….संदर्भ ?
#105. सुश्रुतानुसार मृत्यु के त्रितय कारण में निम्न में से किसका समावेश नहीं होता है ? ………सु. सू. 31
#106. दृष्टकर्मा स्वयंकृति किसके गण है ? ………सु.सू. 34
#107. सुश्रुतानुसार वैद्यद्वारा रूग्ण परिक्षण में सर्वप्रथम ………..की परीक्षा करनी चाहिये ? ……. सु.सू. 35
#108. गुढास्थिसन्धि’ यह कौनसी सारता का लक्षण है ?
#109. …नाम यो भविष्यव्याधिख्यापकः । ……… सु.सू.35
#110. जठराग्नि का ध्मापन व पालन कौन करता है?…..सु.सू. 35
#111. आनुप देश में कौनसी दोषप्रधान व्याधियां अधिक पायी जाती है?
#112. यव गोधूम भाष के प्रयोग व्रणोपक्रम में कीस उपक्रमार्थ किया जाता है?
#113. …… गणो व्रण्यः संग्राही भग्नसंधानकः । रक्तपित्तहरो दाहमेदोध्नो योनिदोषहृतः ।।
#114. गुडूच्यादि गण में कौनसे द्रव्य का समावेश नहीं होता है ?
#115. सुश्रुतानुसार लेखन द्रव्योमें.. महाभुत का आधिक्य होता है?
#116. परितोषमुत्पादयति’ यह कौनसे रस का लक्षण है ?
#117. सुश्रुतानुसार विरेचनीय त्त्वको में ……त्वक् श्रेष्ठ है ?
#118. शैवालमूल का उपयोग… कर्मार्थ करे ?
#119. सुश्रुतानुसार तक्र कि योग्य परिभाषा क्या है ?
#120. मधुरं मधुरविपाकं बृंहणं प्रीणनं व्यवायि सूक्ष्मं विशदं’ ……….. यह कौनसे स्नेह के गुणधर्म हैं?
#121. मधु के संबंध में निम्नमं से कौनसा कथन सत्य है ? सु.सु. 45
#122. दधिमस्तु व अम्ल द्रव्य से सिध्द यूष को क्या कहते है ?
#123. दधि व पयसा का अनुपान क्या है ?
#124. आदावन्ते च मध्ये च भोजनस्य तु शस्यते।…कौनसे द्रव्य के संदर्भ में कहा गया है ? ……………. सु.सू. 46
#125. शुक्लं लघुष्णं सक्षारं दीपनं बस्तिशोधनम्।……… यह कौनसे द्रव्य के गुणधर्म है ?
#126. उर, उदर प्रदेश मे कौनसा बंध बांधते है ?
#127. विविक्तं मृदु मृत्स्नं च प्राणायतनमुत्तमम्। यह कौनसी दिशा के वायु के गुणधर्म है ?
#128. वातलानां प्रशस्तश्च श्रान्तानां कफशोषिणाम्। यह कौनसी दिशा के वायु के गुणधर्म है ?
#129. चतुर्विधं अन्नपानं पचति विवेचयति च ।………. यह कौनसे दोष का कर्म है ?…….. सु.सू. 21
#130. सरूधिरमूत्रता यह अश्मरी का ………….. है।
#131. गुल्म अष्ठिला प्लीहोदर यह कौनसे अर्श के उपद्रव स्वरूप उत्पन्न होते है ?
#132. यानयान्मलोत्सर्गात् कण्डूरूग्दाहशोफवान्। पायुर्भवेद्रुजः ‘..? सु.नि.
#133. सुश्रुतानुसार रकसा कुष्ठ…दोषाधिक्य से उत्पन्न होता है?
#134. नाभि के नीचे उदरवृद्धि कौनसे उदर रोग प्रकार में पायी जाती है?
#135. रसप्रसादो मधुरः पक्वाहारनिमित्तजः । सु.नि..यह किसके संदर्भ कहा में है?
#136. संवत्सर पुराण श्लीपद साध्यासाध्यता…………….. ?
#137. शर्करोन्मथिते पादे यह कौनसे क्षुद्ररोग का हेतु है ?
#138. अमि महाभूत में कौनसे दोष का अधिक्य होता है? सु.शा. 1
#139. सुश्रुतानुसार अनार्तव व्याधि के के दोष क्या है ?
#140. गर्भस्थ भ्रूण …………… इस कारणश रोदन नहीं करता है?
#141. अकस्मातश्ष्टर्दयति गन्धादुद्विजते शुभात्। यह …. के लक्षण है।
#142. गर्भिणी में मध्ये निम्नं द्रोणीभुतं उदरम् होनेपर गर्भ को ………. जन्म देती है।
#143. सुश्रुतानुसार पंचम पुरुषधरा कला का स्थान क्या है?
#144. निद्रा आने में सर्वश्रेष्ठ हेतु कौनसा है ? ………. सु.शा. 4
#145. मणिबन्धगुल्फसंश्रितानि परस्परनिबद्धानि’ यह निम्न में से किसका स्वरूप है ?
#146. सिरावेध के पूर्व कौनसा उपक्रम करते है ?
#147. सर्पिर्मधुरकैः श्रुतम् .. यह कौनसे व्याधि की चिकित्सा है?
#148. निवृत्त प्रसवा को 6 वर्ष पश्चात् पुनः गर्भाधान होनेपर शिशु ………. होता है।
#149. सुश्रुतानुसार स्नायु के चतुर्विध भेद में निम्न में से किसका समावेश नही होता है ?
#150. शोफेषूत्थितमात्रेषू व्रणेषुग्ररूजेषु च।……..सु.चि. 1.. उस व्रणावस्था में कौनसा उपक्रम करते है ?
#151. सुश्रुतानुसार भग्न आस्थापन के प्रकार कितने है ?
#152. सुश्रुतानुसार सुप्तवात चिकित्सा क्या है ?
#153. सुश्रुतानुसार पक्षवध व्याधि में अभ्यंगार्थ कौनसा तैल उपयुक्त है?
#154. पार्श्वगतेन छिद्रेण छेदो……. भवेत् ।…. डल्हण
#155. स्तन्यविकारों में सर्वप्रथम कौनसा उपक्रम करते है ?
#156. सुश्रुतानुसार सुप्तवात चिकित्सा क्या है ?
#157. सुश्रुतानुसार आरनाल सिंचन कौनसे क्षुद्ररोग की चिकित्सा में वर्णित है ?
#158. मधुच्छिष्ट समान कल्क स्नेहपाक का लक्षण है। सु.चि. 31
#159. सुश्रुतानुसार वत्सनाभ कौनसा विष है ?
#160. वीर्यात्पभावान्न निपायेत्तत् कफावृत्तं’….. यह कौनसे विष का लक्षण है ?
#161. अशोफमल्पदुष्टासृकप्रकृतिस्थ देहिनः’…… यह निम्न में से किसका लक्षण है ?
#162. सर्पदष्ट चिकित्सा में सुश्रुतानुसार कौनसी मृत्तिका का आभ्यन्तर पान किया जाता है ?
#163. मूषिका विष चिकित्सा ….. विष के समान करते है ?
#164. तन्त्रेऽतिशयोपवर्णनं ……….. । सु.उ.6
#165. सुश्रुतानुसार वाजीकरणार्थ उपयुक्त औषधि का सेवन काल कौनसा है?
#166. तृष्णोद्गारावरोधकौ’ यह कौनसी व्याधि का लक्षण है ?
#167. प्राणो हि उदानानुगतः प्रदुष्टः’ कौनसी व्याधि की संप्राप्ति से संबंधित है ? सू.उ.
#168. सुश्रुतानुसार लाघरक कौनसी व्याधि का पर्याय है ?
#169. रसमारुतसम्भवः’ यह कौनसे शूल से संबंधित है ?
#170. सुश्रुतानुसार अत्यानन्दा योनिव्यापद के दोष……….
#171. स्वपिति सुखं दिवा न रात्री’ यह कौनसे बालग्रह का लक्षण है?
#172. शूनाक्षिकूटं वदनं च यस्य’ कौनसे शिरोरोग का लक्षण है?
#173. शिरोगुरुत्वं क्षवथोः प्रवर्तनं तथा अंगमर्दः परिहृष्टरोमता’ कौनसे व्याधि का पुर्वरूप है ?
#174. विरिक्तशीर्षस्यच शीतसेविनः’ वह कौनसी व्याधि का हेतु है ? सु.उ. 34
#175. पूयरक्त व्याधि का हेतु क्या है ?
#176. बार्ताक धूम कौनसे कर्णरोग की चिकित्सा में वर्णित है ?
#177. सामान्य अंजन में कौनसा द्रव्य सबसे अधिक पाया जाता है?
#178. सुश्रुतानुसार तर्पण के लिये कौनसा समय उपयुक्त है ?
#179. सिराजाल व्याधि की चिकित्सा क्या है ?
#180. पिष्टक व्याधि में बिंदु का स्वरूप कैसा होता है ?
#181. सुश्रुतानुसार निमेष व्याधि के दोष क्या है ?
#182. सर्वथा दीपनं कार्य…… रोगिणां हितम् ।…सु.उ. 40
#183. सुश्रुतानुसार छर्दि व्याधि के दोष क्या है ?
#184. गदगदवत् स्वर’ कौनसे स्वरभेद का लक्षण है ?
#185. सुश्रुतानुसार मूत्राघात व्याधि के कितने प्रकार हैं?
#186. कफहरं मंदसप्रबिलायनम्’ यह निम्न में से किसके गुणधर्म है?
#187. बाम्भट ने क्षुद्ररोगों का वर्णन कौनसे स्थान में किया है?
#188. शीतः सर्वो विधिर्हितः’ यह कौनसे वेगावरोध की चिकित्सा है?
#189. कोठकुष्ठाशव्रणजन्तुजित्’ यह कौनसे तैल का गुणधर्म है? अ.ह. सू. 5
#190. सर्व देह में प्रविसृत साम दोषो में सर्वप्रथम कौनसा उपक्रम करते है ? अ.हृ.सू. 13
#191. विधिभेद द्वारा दिये जानेवाली बस्तियों का योग्य क्रम का है ?
#192. संजतसारे महति गर्भे योनिपरिस्त्रवात्।’ ………. यह कौनसे व्याधि का हेतु है? अ. इ. शा. 2
#193. पाण्डुत्वमिन्द्रियाज्ञानं मरणं चाशु’ कौनसे मर्माघात के लक्षण है? अ.ह.शा.
#194. असात्म्य निम्न में से किसका पर्याय है? ……अ.ह.नि. 1
#195. वाग्भटानुसार पाण्डु व्याधि का प्रधान दोष क्या है ?
#196. कुलत्थ समान स्फोट कौनसे विसर्प का लक्षण है ?… अ.ह.नि. 13
#197. पार्ष्णिं प्रत्यंगुलीनां या कण्डरा मारुतार्दिता।… अ. ह. नि. 15
#198. वाग्भटानुसार अगस्त्य हरीतकी की मात्रा कितनी है ?
#199. विद्रधि मे रक्तमोक्षण कौनसी अवस्था में किया जाता है ?
#200. वाग्भटानुसार मणीभद्र योग का रोगाधिकार क्या है ?
#201. सद्योऽभिभुतपूतस्तु…। अ.हृ.क.6
#202. बालको में नाभिनाल छेदन पश्चात् कौनसे तेल का सेचन करते है ?.. अ.हृ. उ. 1
#203. सारस्वत घृत निर्माणार्थ कौनसे दुग्ध का प्रयोग करते है? अ.हृ.उ.1
#204. बालको में स्तनपान अपनयन कब करते है? अ.हृ. उ. 1
#205. निम्नमें से कौनसा एक व्याधि दन्तोत्पत्ति की निमित्तज है? …………….. अ.हृ. उ. 8
#206. निम्न में कौनसा दृष्टि दौर्बल्य का हेतु है ? अ.हृ. उ. 13
#207. छिन्नं मद्वितं च विवर्धते’ कौनसे व्याधि का लक्षण है ?
#208. बाग्भटानुसार उपनख कौनसी व्याधि का पर्याय है ?
#209. संग्रहानुसार उषर भूमि में उत्पन्न होनेवाला जल……. रसात्मक होता है ?
#210. प्रायः…. रोगग्रामः प्रजायते । ………………….अ, .सू. 11
#211. कटु रस का उत्पत्तिस्थान क्या है?………….. अ.स.सू. 18
#212. पित्त दोष …….. धातुगत होनेपर ‘हारिद्रनखनेत्रताम्’ लक्षण उत्पन्न करता है।..अ.सं.सू. 19
#213. जृम्भण अन्न आस्वादन’ यह कौनसे वायु के कर्म है ?’ …….. अ.स.सू. 20
#214. वातपित्तज व्याधियों में कौनसी ऋतुचर्या का पालन करना चाहिये। ……….अ.स.सू. 21
#215. संतर्पण व अपतर्पण यह व्याधि प्रकार की भेद से किये है ?
#216. प्रियकराणां अपत्यकानां सद्यमाश्लेषः ‘ …… दोष की सामान्य चिकित्सा में वर्णित है। .अ. स.सू. 21
#217. व्याधि उत्पत्ति में सर्वप्रथम किसकी दुष्टि होती है ?….. अ. स.सू. 19
#218. मांसवद्धि से ……….. दोषप्रधान विकार उत्पन्न होते है ? ……. अ. स.सू. 19
#219. अष्टांगसंग्रहकार नुसार ग्रहबाधा के पूर्वरूप क्या है ?
#220. अष्टांग संग्रह में औषधि सेवनकाल का कौनसे स्थान में वर्णन किये है?
#221. काश्यपनुसार कफ दोष का विशेष स्थान क्या है ?
#222. काश्यपनुसार हृदद्रव लक्षण कौनसे अजीर्ण में पाया जाता है?
#223. कपोलो श्वयथुर्व्यथा’ यह लक्षण कौनसे व्याधि में पाया जाता है?
#224. काश्यपानुसार गर्भ में प्रस्पन्दन कौनसे मासमें उत्पन्न होता है? का.चि.25
#225. फक्क व्याधी में शोधन पश्चात् कौनसे घृतका पान किया जाता है ?
#226. माहेश्वर धूप का रोगाधिकार क्या है ?
#227. काश्यप के नुसार लक्षण के बीज में कौनसा रस होता है?
#228. जातमात्र बालक में घृत की मात्रा… का.स. खि. 3
#229. भुक्त्वा भुक्त्वा दिवास्वप्नात् अतिस्नानावगाहनात्।…… यह कौनसी व्याधि का हेतु है ? .का. खि.
#230. सद्यः क्षतप्ररोहश्च’ कौनसी सारता का लक्षण है ? का. सू. 18
#231. पुष्करमूल द्रव्य का उत्पत्तिस्थान क्या है ?
#232. गणिकारिका कौनसे द्रव्य का पर्यायी नाम है ?
#233. घृतकुमारी द्रव्य का वीर्य….
#234. जीर्णज्वरेऽग्निमांद्ये च शस्यते…। … भा. प्र.नि.
#235. अपस्मारक फोन्मादभूतजन्त्वानिलान्हरेत् । ………. भा. प्र. नि.
#236. विडंग द्रव्य के गुण क्या है ?
#237. कालीयाक रक्तगुणं विशेषाद् व्यंगनाशम्’ । …….भा.प्र.नि.
#238. कौनसा गुग्गुल सुगंधी होता है ?
#239. रक्तवाचक पर्याय नाम कौनसे द्रव्य के है ?
#240. हितमेदद्विरेकार्थ ये च्यान्ये दीर्घरोगिणः । …..
#241. शारंगधर के नुसार अक्षोटक द्रव्य का प्रयोज्यांग क्या है ?
#242. कोष्ण व गुरु नाडी कौनसे व्याधि में पायी जाती है ?
#243. शारंगधर ने सन्धिबन्धनकारिण्यो किसे कहा है ?
#244. स्वप्ने जलाशयलोकि’ कौनसी प्रकृति का लक्षण है ? ……. ….. शा.स.पू.
#245. अवलेह निर्मिती के लिये सिता का प्रमाण चाहिये। गुना लेना
#246. शारंगधर के नुसार पंचनिम्ब चूर्ण की भावना द्रव क्या है?
#247. आरोग्यवर्धिनी वटी में कौनसे भस्म का समावेश नहीं होता है?
#248. उदर्द रोग प्रायः कौनसी ऋतु में होता है ? ……..मा. नि.
#249. कमलपत्रवत् यह कौनसे किलास का स्वरूप है ? … मा.नि.
#250. माधवनिदान में दोषानुसार अम्लपित्त के कितने प्रकार वर्णन किये है ?



