आयुर्वेद बुलेटिन: 4 दिसंबर 2024 का संस्करण
नमस्कार,
आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा, आधुनिक अनुसंधान और नवीनतम अपडेट के साथ, आपका स्वागत है इस सप्ताह के आयुर्वेद बुलेटिन में। हम आयुर्वेद जगत की ताजगी भरी ख़बरें, अनुसंधान, औषधि और योग ज्ञान प्रस्तुत कर रहे हैं। आइए शुरुआत करते हैं इस हफ्ते की न्यूज़ इनसाइट्स से।
न्यूज़ इनसाइट्स
1. गोपबंधु आयुर्वेद महाविद्यालय में डायमंड जुबली समारोह का उद्घाटन
4 से 6 दिसंबर 2024 तक, गोपबंधु आयुर्वेद महाविद्यालय, पुरी में डायमंड जुबली समारोह और आयुर्वेद पर्व का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन भारत की माननीय राष्ट्रपति, महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय, श्री प्रताप राव जाधव जी भी उपस्थित रहे।
राष्ट्रपति महोदया ने आयुर्वेद को “स्वास्थ्य का प्राचीन लेकिन आज भी प्रासंगिक मॉडल” बताते हुए इसके वैश्विक महत्व पर बल दिया। इस पर्व में 5000+ आयुर्वेद चिकित्सकों, छात्रों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया।
2. ROHINI प्लेटफॉर्म पर 800+ आयुष चिकित्सालयों का पंजीकरण
ROHINI (Registry of Hospitals in Network of Insurance) पर 800 से अधिक आयुष चिकित्सालय पंजीकृत हो चुके हैं। यह प्लेटफॉर्म आयुष चिकित्सालयों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करता है:
- पंजीकरण और अपडेट: अस्पताल अपनी प्रोफाइल को अपडेट कर सकते हैं।
- विश्वसनीयता: यह प्लेटफॉर्म रोगियों के लिए बेहतर पहचान और अस्पतालों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है।
- तेज़ क्लेम प्रोसेसिंग: बीमा दावों की प्रक्रिया में तेजी लाता है।
इस पहल का उद्देश्य आयुष चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य सेवा नेटवर्क में एकीकृत करना है।
3. औषधीय पौधों पर कृषि और आयुष मंत्रालय की बैठक
6 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए चर्चा की। इस बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर सहमति बनी:
- औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता।
- अनुसंधान और विकास में सहयोग।
- किसानों के लिए आय के नए साधन।
4. CARI भुवनेश्वर में उन्नत ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव जी ने Central Ayurved Research Institute (CARI), भुवनेश्वर में नवनिर्मित ओपीडी ब्लॉक का उद्घाटन किया।
इस उन्नत ओपीडी ब्लॉक में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक आयुर्वेद के समन्वय से रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जाएगी।
5. आयुष बाजार का अद्वितीय विस्तार
2014 में आयुष बाजार का मूल्य 2.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो कि 2023 तक बढ़कर 43.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- आयुष उत्पादों का निर्यात 2014 में 1.09 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो 2023 में 2.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- आयुष मंत्रालय ने इसे और बढ़ावा देने के लिए e-AYUSH Visa और e-AYUSH Attendant Visa की शुरुआत की है।
यह कदम आयुर्वेद वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देगा और विदेशियों को भारत में आयुर्वेद चिकित्सा में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगा।
6. आयुर्वेदिक कॉलेजों में NTET आवश्यक
अब आयुर्वेदिक कॉलेजों में प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए NCISM NTET परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- आयुर्वेद भारती इंस्टिट्यूट द्वारा आयोजित कोर्स में 50 परीक्षार्थियों ने भाग लिया और सभी सफल हुए।
- यह कोर्स NCISM के नवीनतम पाठ्यक्रम, टेस्ट सीरीज और गाइड बुक्स के साथ प्रदान किया गया।
- इच्छुक उम्मीदवार आयुर्वेद भारती वेबसाइट पर कोर्स में पंजीकरण कर सकते हैं।
आज का आयुर्वेद अनुसंधान ज्ञान
केस रिपोर्ट:
“Management of Diabetic Foot Ulcer through Ayurveda – A Case Report”
जर्नल: ayuBHA Journal by Ayurved Bharati
संस्थान: Cytoveda Clinics, Ayurvite Wellness Pvt. Ltd.
केस प्रोफाइल
50 वर्षीय महिला रोगी, जो 20 वर्षों से टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित थी।
- लक्षण: बाएं पैर में non-healing ulcer, रक्त शर्करा >400।
- उपचार: Samatvam Capsules, Yakrida Powder, Dermiq Oil, Mansagni Tablets, Medagni Tablets।
परिणाम
- 2 महीने की चिकित्सा से ulcer पूरी तरह ठीक।
- गैंग्रीन की पुनरावृत्ति नहीं।
विशेषता: यह केस आयुर्वेद की क्षमताओं को रेखांकित करता है, विशेषकर उन बीमारियों में जिन्हें आधुनिक चिकित्सा में कठिन माना जाता है।
आज का वनस्पति ज्ञान: अंकोल (Ankol)
Botanical Name: Alangium salvifolium
Family: Alangiaceae
आयुर्वेदिक गुण
- रस: तिक्त, कटु, कषाय।
- गुण: लघु, स्निग्ध, तीक्ष्ण।
- वीर्य: ऊष्ण।
- विपाक: कटु।
मुख्य उपयोग
- विषाक्तता, त्वचा रोग, बालों का झड़ना, कृमि संक्रमण।
- पंचकर्म (वमन और विरेचन) में सहायक।
खुराक
- पाउडर: 1-2 ग्राम।
- काढ़ा: 50-100 मिलीलीटर।
आज की शास्त्रोक्त औषधि: अश्वगंधरिष्ट (Ashwagandharishta)
मुख्य घटक: अश्वगंधा, मंजीष्ठा, हरिद्रा, मधुका।
मात्रा: 15-30 मिलीलीटर, भोजन के बाद।
उपयोग:
- मानसिक स्वास्थ्य (मानसिक तनाव, अपस्मार)।
- शारीरिक कमजोरी, वात रोग।
- पाचन सुधार।
विशेष सावधानी
- मधुमेह में परहेज।
- अल्सर में प्रयोग से बचें।
आज का योग आसन: भद्रासन
विधि
- जमीन पर बैठें और दोनों पैरों को मोड़ें।
- तलवों को जोड़कर हाथों से पकड़ें।
- पीठ सीधी रखें और गहरी सांस लें।
लाभ
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत करता है।
- मन को शांत करता है।
- पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
निष्कर्ष
आयुर्वेद ने स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान और शिक्षा में अद्वितीय प्रगति की है। इस बुलेटिन के माध्यम से, हमने इन क्षेत्रों में नवीनतम जानकारियां साझा की हैं। आयुर्वेद को अपनाएं और स्वस्थ रहें।
धन्यवाद।