नमस्कार,
आज के आयुर्वेद बुलेटिन में आपका हार्दिक स्वागत है। आइए, इस हफ्ते की प्रमुख खबरों, अनुसंधानों, वनस्पति और औषधीय ज्ञान के साथ योग अभ्यास पर चर्चा करें।
न्यूज़ इनसाइट्स
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में आयुर्वेद को शामिल करने की वकालत
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय आयुष्मान भारत योजना में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को शामिल करने की मांग पर केंद्र से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश श्री डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला, और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका का उद्देश्य भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली (Indian System of Medicine) को व्यापक रूप से शामिल करना है, ताकि अधिक से अधिक लोग पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का लाभ उठा सकें।
आयुर्वेद का वैश्विक विस्तार: केंद्रीय आयुष मंत्री का उद्बोधन
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुर्वेद का वैश्विक स्तर पर तेजी से विस्तार हो रहा है। आज आयुर्वेद को 24 देशों में मान्यता प्राप्त है और 100 से अधिक देशों में आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्यात किया जा रहा है। यह प्राचीन चिकित्सा पद्धति अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी अलग पहचान बना रही है।
दरभंगा एम्स शिलान्यास: प्रधानमंत्री का स्वास्थ्य संदेश
१३ नवंबर २०२४ को बिहार में दरभंगा एम्स के शिलान्यास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि योग, आयुर्वेद और संतुलित आहार स्वस्थ जीवन के आधार हैं। उन्होंने इन प्राचीन पद्धतियों को अपनाने पर जोर दिया, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और अरोग्य एक्सपो
उत्तराखंड में १२ से १५ दिसंबर २०२४ को 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और अरोग्य एक्सपो आयोजित किया जाएगा। इस बार की थीम ‘डिजिटल हेल्थ’ है। आयुर्वेद चिकित्सा को नई तकनीकों से जोड़ने के लिए आयुष विभाग सक्रिय रूप से काम कर रहा है। यह सम्मेलन आयुर्वेद को डिजिटल और तकनीकी रूप से उन्नत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
सीसीआरएस ने विशेष पत्रिकाएँ लॉन्च कीं
केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) ने जर्नल ऑफ ड्रग रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज (JRDAS) में आयुष आहार पर एक विशेष अंक लॉन्च किया। इस अंक में प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे CSIR, ICMR-NIN, और अन्य आयुष संस्थानों द्वारा लिखे गए 17 लेख शामिल हैं। इसके अलावा, जेआरएएस पर आयुर्वेद के दिग्गजों के जीवन परिचय पर एक और अंक लॉन्च किया गया।
आज का आयुर्वेद अनुसंधान ज्ञान
सोरायसिस के लिए आयुर्वेदिक उपचार: एक केस रिपोर्ट
डॉ. सुनील कुमार और उनकी टीम ने National Institute of Ayurveda, Jaipur में प्लाक सोरायसिस के लिए आयुर्वेदिक उपचार पर एक केस रिपोर्ट प्रकाशित की।
सोरायसिस एक आम त्वचा विकार है, जिसमें लाल चकत्ते और चांदी की परत जैसी त्वचा दिखाई देती है। इस केस में, एक ५४ वर्षीय पुरुष को ५ वर्षों से गंभीर प्लाक सोरायसिस का सामना करना पड़ रहा था।
उपचार विधि:
- स्नेहपान: पंचतिक्त घृत से
- विरेचन: त्रिवृत लेह्य से
- ओरल मेडिकेशन:
- शुद्ध गंधक चूर्ण
- पंचनिंब चूर्ण
- आरग्वधादि कषाय
- पंचतिक्त घृत
- स्थानीय उपयोग: एलादिकेर तैल
परिणाम:
- Severity Index Score: 65.7 से घटकर 0.9
- पुनरावृत्ति: पिछले २ वर्षों से कोई पुनरावृत्ति नहीं हुई।
यह रिपोर्ट साबित करती है कि आयुर्वेद सोरायसिस जैसी लाइलाज बीमारियों के दीर्घकालिक प्रबंधन में प्रभावी है।
आज का वनस्पति ज्ञान: अजमोदा
अजमोदा (Ajamoda)
अजमोदा एक प्रसिद्ध भारतीय मसाला है, जो पाचन शक्ति बढ़ाने में उपयोगी है।
- Botanical Name: Apium graveolens, Carum roxburghianum, Trachyspermum roxburghianum
- Family: Umbelliferae
- Sanskrit Synonyms: बस्तमोदा, अजमोदा, खरश्व, मयोरा, दीपक, गंधादल
- Classification:
- Charaka: Shoolaprashamana, Deepaneeya
- Vagbhata, Susruta: Pippalyadi
आयुर्वेदिक गुण:
- Rasa: कटु (Pungent), तिक्त (Bitter)
- Guna: लघु (Light), रुक्ष (Dry), तीक्ष्ण (Sharp)
- Veerya: ऊष्ण (Hot)
- Vipaka: कटु (Pungent)
- Dosha Prabhava: कफ-वात शामक
उपयोगी योग:
- अजमोदादि काढ़ा
- हिंगाष्टक चूर्ण
संकेत (Indications):
- पाचन शक्ति में सुधार
- मूत्राशय की सफाई
- पेट फूलना और गैस्ट्रिक समस्या
- नेत्र विकार, कृमि संक्रमण, उल्टी, हिचकी
आज का औषध ज्ञान: अमृतारिष्ट
अमृतारिष्ट का उपयोग मुख्य रूप से ज्वर और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में किया जाता है।
सामग्री:
- अमृता (Guduchi)
- बिल्वा, शालपर्णी, प्रिष्णिपर्णी, कंतकारी, गोक्षुरा
- गुड़
मात्रा एवं अनुपान:
- वयस्क: 10-20 मिली + पानी
- बच्चे: 5-10 मिली + पानी
संकेत (Indications):
- सभी प्रकार के ज्वर
- प्लेटलेट्स की कमी
- त्वचा और श्वसन एलर्जी
- सामान्य दुर्बलता
कॉन्ट्रा इंडिकेशन्स:
- मधुमेह
- अम्लता और अल्सर
आज का योग ज्ञान: ऊष्ट्रासन (Ushtrasana)
ऊष्ट्रासन शरीर को लचीला बनाने और ऊर्जा प्रदान करने वाला योग आसन है।
कैसे करें:
- घुटनों के बल बैठें।
- हाथों को एड़ी पर रखें।
- धीरे-धीरे कमर और छाती को पीछे की ओर झुकाएं।
- गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
लाभ:
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
- पाचन में सुधार करता है।
- छाती और कंधों को खोलता है।
- मानसिक शांति प्रदान करता है।
सावधानियाँ:
- यदि पीठ या गर्दन में समस्या हो तो प्रशिक्षक की सलाह लें।
- गर्भवती महिलाएं इसे करने से बचें।
आशा है कि आपको आज का आयुर्वेद बुलेटिन उपयोगी लगा होगा। अगले अंक में फिर मिलेंगे नई जानकारी और रोचक विषयों के साथ।
धन्यवाद!