नमस्कार,
आज के आयुर्वेद बुलेटिन में आपका हार्दिक स्वागत है। आइए, इस हफ्ते की प्रमुख खबरों और ज्ञानवर्धक विषयों पर नजर डालते हैं।
न्यूज़ इनसाइट्स
9वाँ आयुर्वेद दिवस: धन्वंतरि जयंती पर विशेष आयोजन
इस वर्ष नौवाँ आयुर्वेद दिवस, जो धन्वंतरि जयंती, धनत्रयोदशी, और धनतेरस के दिन मनाया जाता है, २९ अक्टूबर 2024 को आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम है “Ayurved Innovation for Global Health” (वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार)। लगभग १५० देश इस आयुर्वेद दिवस के उत्सव में भाग ले रहे हैं। २०१६ से यह दिवस मनाया जा रहा है, और इस वर्ष भी यह परंपरा जारी रहेगी।
आयुष वैभव का शुभारंभ
दिनांक २४ अक्टूबर 2024, गुरुवार को आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने इंडिया हैबिटेट सेंटर के मैरीगोल्ड हॉल में आयुष उद्योग और व्यापार पर मासिक समाचार पत्र – आयुष वैभव का शुभारंभ किया। इस समाचार पत्र में आयुष उद्योग के विकास, नवाचारों, और नियामक अपडेट पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह समाचार पत्र Research and Information Systems for Developing Countries (RIS) अनुसंधान और सूचना प्रणाली में The Forum on Indian Traditional Medicine (FITM) द्वारा बनाया गया है। लॉन्च के दौरान आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. मनोज नेसारी, मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री भावना सक्सेना, आरआईएस के महानिदेशक प्रो. सचिन चतुर्वेदी, और आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं के संघ (AMAM) के महासचिव डॉ. दुर्गा प्रसाद उपस्थित थे।
आयुर्वेद में स्वास्थ्य बीमा का लाभ
आयुर्वेद से उपचार में अब लोगों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। इसके लिए केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान पंडोह के सहायक निदेशक डाॅ. राजेश सण्ड ने बुधवार को पंडोह में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री आरोग्य योजना के तहत १७० पैकेज शामिल करने के लिए समिति का गठन किया गया है। इसे हरी झंडी मिलते ही आयुर्वेदिक संस्थानों में इसका लाभ मिलना शुरू होगा। उन्होंने बताया कि भारतीय फार्माकोपिया आयोग ने इस क्षेत्र में दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए वन हर्ब वन स्टैंडर्ड पहल को पूरा करने हेतु ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे हर्बल दवाओं का मानकीकरण कर भारत में फार्मास्यूटिकल्स की प्रभावकारिता और सुरक्षा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
डाॅ. राजेश ने आगे कहा कि आयुष मंत्रालय का इरादा हर तहसील स्तर पर आयुर्वेद मेडिकल स्टोर खोलने का है, ताकि निचले स्तर तक सभी को आयुर्वेद के साथ जोड़ा जा सके और उपचार की इस प्राचीन पद्दति का लाभ पहुंचाया जा सके। मंत्रालय की ओर से हर घर आयुर्याेग पहल शुरू की गई है, जिसके तहत फिट इंडिया स्कूल प्रमाणन में योग को मुख्य रूप से शामिल किया जा रहा है।
महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफ़दरजंग हॉस्पिटल के MBBS 2024 बैच की स्थापना
आगामी 9वें आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफ़दरजंग हॉस्पिटल के MBBS 2024 बैच की स्थापना के अवसर पर डाॅ. शिवशंकर राजपूत द्वारा आयुर्वेद के महत्व पर केंद्रित एक अभिविन्यास व्याख्यान दिया गया। इस व्याख्यान में 200 MBBS छात्रों और फैकल्टी मेंबर्स ने भाग लिया।
आयुर्वेद अनुसंधान ज्ञान
Dr. K. S. Harshitha एवं उनकी टीम ने Department of Kayachikitsa, National Institute of Ayurveda, Jaipur के द्वारा आयु जर्नल के लेटेस्ट अंक में एक रिसर्च आर्टिकल प्रकाशित किया है, जिसका शीर्षक है:
“Management of Lupus Thrombocytopenia through Ayurveda – A Case Report”
Immune thrombocytopenic purpura (ITP), जिसे systemic lupus erythematosus (SLE) की एक जटिलता के रूप में जाना जाता है, का उपचार इस अध्ययन में प्रस्तुत किया गया है। वर्तमान मामले में, सभी लक्षणों का पूर्ण रूप से उन्मूलन हुआ और प्लेटलेट्स में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया।
इस अध्ययन में, आयुर्वेदिक औषधियों के साथ-साथ रोगी की जीवनशैली और आहार में परिवर्तन किए गए, जिससे रोगी को बेहतर स्वास्थ्य लाभ मिला। यह क्लिनिकल रिसर्च साबित करती है कि आयुर्वेद द्वारा बिना सर्जरी के भी गंभीर रोगों का सफल इलाज संभव है।
वनस्पति ज्ञान
तुलसी (Ocimum sanctum)
तुलसी, जिसे Ocimum sanctum के नाम से जाना जाता है, आयुर्वेद में अत्यंत महत्वपूर्ण वनस्पति है। इसे वंगसेना, अगस्ती, और अगस्त्य के नामों से भी जाना जाता है।
- परिवार: Fabaceae
- आयुर्वेदिक गुण:
- रस: कटु (Pungent), तीख (Bitter)
- गुण: लघु (Light), रुख (Dry)
- वीर्य: ऊष्ण (Hot)
- विपाक: कटु (Pungent)
- प्रभाव: तीक्ष्ण (Piercing)
तुलसी के उपयोगी भाग: पत्ते, तना, बीज, और जड़ें।
तुलसी के संकेत (Indications):
- श्वास सम्बन्धी विकार (Shwasa and Kasa)
- पाचन तंत्र के विकार
- त्वचा रोग
- ज्वर (Fever)
- अनिमिया (Pandu)
- सूजन सम्बन्धी स्थितियाँ
औषध ज्ञान
आज की शास्त्रोक्त आयुर्वेदिक औषधि: अभयारिष्ट
अभयारिष्ट का उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है। यह औषधि आयुर्वेदिक ज्ञान के आधार पर तैयार की जाती है और इसके गुण और उपयोग विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
संकेत (Indications):
- श्वास विकार
- पाचन संबंधी समस्याएँ
- त्वचा रोग
- सूजन
- ज्वर
उपयोग की विधि:
- अभयारिष्ट को निर्धारित मात्रा में सेवन करना चाहिए।
- इसे पानी या अन्य आयुर्वेदिक काढ़े के साथ लिया जा सकता है।
कॉन्ट्रा इंडिकेशन्स:
- गर्भावस्था और बच्चों में उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
योग ज्ञान
आज का योग आसन: वज्रासन (Vajrasana)
वज्रासन, जिसे वज्रासन के नाम से भी जाना जाता है, एक सरल लेकिन प्रभावी योग आसन है जो शरीर और मन दोनों के लिए लाभकारी है।
कैसे करें:
- सीधे बैठें और पैरों को पीछे की ओर फैलाएं।
- दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
- गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- इस आसन को कुछ मिनट तक नियमित रूप से करें।
लाभ:
- पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- पाचन क्रिया को उत्तेजित करता है।
- मानसिक शांति प्रदान करता है।
आशा है कि आपको आज का आयुर्वेद बुलेटिन पसंद आया होगा। स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना के साथ, अगली बार फिर मिलेंगे नई जानकारियों के साथ।
धन्यवाद!