आयुर्वेद बुलेटिन: व्यापक दृष्टिकोण
नमस्कार!
आयुर्वेद बुलेटिन में आपका हार्दिक स्वागत है। इस सप्ताह के विशेष संस्करण में, हम आयुर्वेद से संबंधित प्रमुख समाचार, अनुसंधान, वनस्पति, औषधि और योग पर चर्चा करेंगे। आइए शुरुआत करते हैं इस हफ्ते की न्यूज़ इनसाइट्स से।
न्यूज़ इनसाइट्स
1. पहला विश्व ध्यान दिवस (World Meditation Day)
21 दिसंबर 2024 को पहला विश्व ध्यान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ध्यान शांति और सद्भाव लाने का एक शक्तिशाली साधन है।”
- आयुष मंत्रालय ने इस अवसर पर ध्यान करने की सरल विधि का पोस्टर अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर साझा किया।
- इस अभियान का उद्देश्य ध्यान के महत्व को प्रचारित करना और इसे जीवनशैली में शामिल करने के लिए प्रेरित करना है।
2. त्रिनिदाद और टोबैगो में आयुर्वेद का प्रचार
कैरिबियाई सागर में स्थित त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य में भारतीय उच्चायोग द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आयुर्वेद की समग्रता और इसकी बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता पर प्रकाश डाला गया।
- उच्चायुक्त डॉ. प्रदीपसिंह राजपुरोहित ने वेस्टइंडीज विश्वविद्यालय (UWI) में आयुर्वेद चेयर को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
- इस पहल से अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
3. इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) में आयुर्वेद की भूमिका पर अनुसंधान अनुदान
अमृता विश्वविद्यापीठम के शोधकर्ताओं को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से 95.6 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ।
- यह अनुसंधान आयुर्वेदिक उपचार प्रोटोकॉल का अध्ययन करेगा, जो कमजोर डिम्बग्रंथि रिजर्व (Poor Ovarian Reserve) वाली महिलाओं के लिए IVF की तैयारी में सहायक हो सकता है।
- शोध का उद्देश्य प्रजनन स्वास्थ्य में आयुर्वेद के महत्व को उजागर करना है।
4. वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024: एक व्यावसायिक सफलता
हाल ही में समाप्त हुए 10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो 2024 ने लगभग 1,275 करोड़ रुपये (150 मिलियन डॉलर) के व्यापारिक समझौतों के साथ बड़ी सफलता हासिल की।
- यह आयुर्वेदिक दवाओं और वेलनेस उत्पादों की वैश्विक मांग को दर्शाता है।
- इस आयोजन ने आयुर्वेद उद्योग को एक नई दिशा दी है।
5. आयुर्वेद मानकीकरण कार्यशाला
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा “आयुर्वेद के क्षेत्र में मानकीकरण – दृष्टि 2024” विषय पर एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
- स्थान: अहमदाबाद, गुजरात।
- तारीख: 27 दिसंबर 2024।
- इस कार्यशाला में आयुर्वेद कॉलेजों के प्राध्यापक भाग लेंगे।
6. मध्य प्रदेश में तीन नए आयुर्वेद कॉलेज
राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा आयोग (NCISM) ने मध्य प्रदेश में तीन नए आयुर्वेद कॉलेजों को मान्यता दी है।
- स्थान: दो भोपाल में और एक देवास में।
- 2024-25 शैक्षणिक सत्र में कुल 35 नए आयुर्वेद कॉलेज खोले गए हैं।
7. “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” में सुधा मूर्ति का योगदान
राज्यसभा सांसद और समाजसेविका श्रीमती सुधा मूर्ति ने आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” में भाग लिया।
- उनका प्रकृति परीक्षण एक समर्पित टीम द्वारा किया गया।
- यह अभियान आयुर्वेदिक सिद्धांतों के आधार पर व्यक्तिगत स्वास्थ्य प्रोफाइल को समझने और बेहतर स्वास्थ्य सलाह प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
आयुर्वेद अनुसंधान ज्ञान
हेपेटाइटिस बी का आयुर्वेदिक प्रबंधन: एक केस रिपोर्ट
Department of Kayachikitsa, Chaudhary Brahm Prakash Ayurved Charak Sansthan, New Delhi और Akhandanand Ayurved College, Ahmedabad के शोधकर्ताओं ने हेपेटाइटिस बी के आयुर्वेदिक प्रबंधन पर एक केस रिपोर्ट प्रकाशित की।
केस विवरण:
- रोगी प्रोफाइल: 40 वर्षीय महिला।
- लक्षण: मूत्र, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, थकावट, और चिड़चिड़ापन।
- निदान: “उभयपथ आश्रित स्वतंत्र कामला”।
- आधुनिक चिकित्सा स्थिति:
- वायरल लोड: 3705.71 IU/ml।
- AST: 140 IU/ml।
- ALT: 173 IU/ml।
चिकित्सा प्रक्रिया:
- पंचकर्म: विरेचन कर्म।
- आयुर्वेदिक औषधियाँ:
- भूमि आमलकी चूर्ण: 1 ग्राम।
- शारपुंखा चूर्ण: 1 ग्राम।
- कटुकी चूर्ण: 1 ग्राम।
- त्रिफला चूर्ण: 2 ग्राम।
- आरोग्य वर्धिनी वटी: 500 मिलीग्राम (तीन बार)।
परिणाम:
- वायरल लोड: 3705.71 IU/ml से घटकर <50.0 IU/ml।
- AST और ALT:
- AST: 140 IU/ml से 19.0 IU/ml।
- ALT: 173 IU/ml से 28.0 IU/ml।
निष्कर्ष:
यह केस रिपोर्ट हेपेटाइटिस बी के प्रबंधन में आयुर्वेद की प्रभावशीलता को दर्शाती है। इस उपचार में पंचकर्म और आयुर्वेदिक औषधियों का संयोजन महत्वपूर्ण रहा।
आज का वनस्पति ज्ञान
आरगवध (Cassia fistula)
आरगवध एक प्राचीन भारतीय जड़ी-बूटी है, जिसका उपयोग त्वचा रोगों और कब्ज के उपचार में किया जाता है।
सामान्य विवरण:
- Botanical Name: Cassia fistula।
- Family: Caesalpiniaceae।
- संस्कृत पर्यायवाची:
- राजवृक्ष, चतुंरगुल, सुवर्णक।
आयुर्वेदिक गुण:
- Rasa: मधुर।
- Guna: मृदु, गुरु, स्निग्ध।
- Virya: शीत।
- Vipaka: मधुर।
- Dosha Prabhava: कफ और पित्त का शमन।
प्रयोग:
- बीज चूर्ण: 3-6 ग्राम।
- फूल का रस: 5-10 मिली।
- फल मज्जा: 10-20 ग्राम।
विशिष्ट योग:
- आरगवधादी कषाय: त्वचा रोगों और गैर-भरने वाले घावों में उपयोगी।
- महा मंजिष्ठादी कषाय: त्वचा रोगों के लिए।
Contra-indications:
- गर्भावस्था और बच्चों में इसका उपयोग चिकित्सकीय सलाह के बिना न करें।
आज का औषधि ज्ञान
अयस्कृति (Ayaskriti)
अयस्कृति एक तरल आयुर्वेदिक दवा है, जो एनीमिया, कृमि संक्रमण, और मोटापा जैसे रोगों के उपचार में सहायक है।
सामग्री:
- मुख्य जड़ी-बूटियाँ:
- असना, खदिर, अर्जुन, शाल, पलाश।
- प्रक्षेप द्रव्य:
- शहद, पिप्पली, चव्या, नागर।
मात्रा:
10-20 मिली, बराबर मात्रा में पानी के साथ।
संकेत:
- पांडु (एनीमिया)।
- प्रमेह (मूत्र विकार)।
- कुष्ठ (त्वचा रोग)।
- अरुचि (भूख न लगना)।
Contra-indications:
- मधुमेह के मरीजों को उपयोग से बचना चाहिए।
आज का योग ज्ञान
सेतुबंधासन (Bridge Pose)
सेतुबंधासन एक महत्वपूर्ण योग आसन है, जो रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने और तनाव को कम करने में सहायक है।
कैसे करें:
- पीठ के बल लेट जाएं।
- घुटनों को मोड़ें और पैर फर्श पर रखें।
- कूल्हों को ऊपर उठाएं और हाथों को फर्श पर दबाएं।
- 30-60 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।
लाभ:
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
- थकावट और चिंता को कम करता है।
- पाचन क्रिया में सुधार करता है।
सावधानियाँ:
- गर्दन की चोट हो तो इस आसन को न करें।
- चिकित्सकीय सलाह लेकर ही अभ्यास करें।
निष्कर्ष
आयुर्वेद ने सदियों से स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में अपनी उपयोगिता साबित की है। चाहे वह हेपेटाइटिस बी जैसे जटिल रोगों का प्रबंधन हो या वनस्पतियों और औषधियों के माध्यम से रोगों का उपचार, आयुर्वेद का प्रभाव व्यापक और अद्वितीय है।
विश्व ध्यान दिवस, वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस, और आरोग्य एक्सपो जैसे आयोजनों से आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर पहचान मिल रही है। हमें इस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को संरक्षित और प्रोत्साहित करना चाहिए।
आप स्वस्थ रहें और प्रसन्न रहें। अगले अंक में फिर मिलेंगे। धन्यवाद!