Dhanwantari Wisdom Challenge (DWC)
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#1. निम्न में से यह क्षुदुगारविधातकृत है ।
#2. ….. तु यस्यां छिन्नायां ताम्यत्यन्ध इव च तमः प्रविशति यां चाप्यधिष्ठायारूंषि जायन्ते । (च.शा. 7/4)
#3. गंधक का द्रवणांक…….है।
#4. असत्य विकल्प चुनिए
#5. गोधूम होता है।
#6. Pressure in left iliac fossa causes pain in right iliac fossa
#7. Mallitus Phillippines’s फल रज़ है।
#8. उपद्रवस्तु खलु रोगोत्तर कालजो रोगाश्रय रोग एव स्थूलोऽणुर्वा । संदर्भ
#9. प्रतिसारणीय क्षारप्रयोग योग्य व्याधि है ।
#10. विधुर मर्म है।
#11. रक्त गुल्म की चिकित्सा करनी चाहिये ।
#12. रक्त धातु निम्न में से इसका पर्याय है।
#13. ……सा या विक्रयमाणा कार्यत्वमापद्यते। (च.वि. 8/71)
#14. आचार्य चरक के अनुसार, षड पदार्थों का क्रम है – According to acharya charaka, the sequence of shat padartha is –
#15. सृष्टि उत्पत्तिविषयक अंधपगुन्याय किसने बताया ?
#16. Serotonin is secreted in…
#17. मृदुमांसखण्ड पर योग्या कर्म करे।
#18. निम्ल में से कृष्णगत विकार नहीं है। (सु.उ.5/3)
#19. S1 -” अनुबंध “आत्मा का पर्याय है S2- “नित्यग” आयु का पर्याय है S1- Anubandha is the synonym of aatma S2- Nityag is the synonym of aayu
#20. क्रिमिघ्न’ यह द्रव्य नाम है।
#21. श्याव किणखरस्पर्श यह इस कुष्ठ का लक्षण है।
#22. सुश्रुत के अनुसार क्षार प्रतिसारण के भेद है
#23. माधव निदान मतानुसार, गर्दभी में किस दोष का प्रकोप होता है ?
#24. मूत्रसंग्रह्नीय है Mutra samgrahaniya is
#25. घेरंडसंहिता नुसार धैर्य प्राप्ति के लिए सप्तांगों में से .. अंग प्रयोग करे।
#26. शारदा व्याख्या नामक टीका निम्न में से इस ग्रंथ पर है
#27. मद्यत्याग करने पर पुनः अतिमद्यपान करने से इस व्याधि की उत्पत्ति होती है।
#28. श्रेष्ठमुद्रा है।
#29. केपिटल पनिशमेन्ट का अर्थ होता है – Meaning of “Capital Punishment” is -?
#30. बृंहणीयानाम् । (चरक)
#31. कृष्णस्फोटावृतः इस विद्रधि का लक्षण है।
#32. विद्रधि के प्रकार है। (सुश्रुत)
#33. वल्मीक व्याधि दोषोद्भव है।
#34. चरकानुसार संख्या के सन्दर्भ में निम्न में से से असत्य है According to charaka, In the context of samkhayaa which of the following is untrue?
#35. निम्न में से वेदनस्थापन महाकषाय का द्रव्य नही है Which of the following is not a dravya of vedanasthapan mahākshāya
#36. माधव निदान के अनुसार शोथ के प्रकार है।
#37. चरक संहिता में सर्वप्रथम ‘पंचकर्म का उल्लेख कहा किया गया हैं ? Where is Panchkarma explained first in Charaka Samhitā
#38. How is random sampling helpful?
#39. All are essential component of tetralogy of fallot EXCEPT
#40. जल में क्लोरीन का प्रमाण जानने के लिए करते है ।
#41. Which is immediate treatment in eclampsia.
#42. मूलजं कन्दजम् वा विषमासेवयेत् …व्याधि की चिकित्सा है।
#43. तिक्तं वमिहरं वर्णय व्यंगदोषत्रयापहम्। इस द्रव्य के गुणधर्म है। (भा.प्र.)
#44. कल्क में मधु, घृत, तैल इनकी मात्रा प्रक्षेपार्थ है ।
#45. ‘स्कन्धत्रय’…. है ।
#46. वायु प्रकोप से नाडी गति समान होती है।
#47. ‘प्रति विषयाध्यवसायो दृष्टम ….. । (सां. का.)
#48. द्राक्षाखर्जूरप्रियालबदरदाडिमफल्गुपरूषके क्षु-यवषष्टिका इति दशेमानि………भवन्ति । उपरोक्त द्रव्यों का गण…….कर्म से सम्बंधित है। Drākehā kharjūra priyāla badara dādhima phalagu parushakekshu- yava shashtikā iti dashemāni….bhavanti. The following gana of dravyas has what karma
#49. पित्त का परिमाण कितने अंजली है ?
#50. कुर्च होते हैं।
#51. निम्न में से स्तन्यशोधन द्रव्य नही है Which of the following is not a stanyashodhana dravya
#52. इस भाग पर चद्रमण्डलवत् छेद लेना चाहिये।
#53. ज्योतिष्मती के शाखास्थित श्वेत गोलाकार बिंदु के कारण इसका नामकरण….किया है।
#54. सुश्रुतानुसार मध्य शरीर में कितनी अस्थियां होती हैं Number of bones in Madhya Shārīra according to Sushruta?
#55. Internal piles are………….
#56. रक्तपित्त की गतियाँ है। (च.नि. 2/8)
#57. बदर के भेदौ का वर्णन चरकोक्त किस महाकषाय मे मिलता है -Types of badara are explained in which mahākshāya of charaka?
#58. रोपण पूटपाक की मात्रा है । (शारंगधर)
#59. S1. चरक अनुसार विडंग कुष्ठघ्न और कृमिघ्न महाकषाय के द्रव्य हैं। S2. चरक अनुसार अरुष्कर कुष्ठघ्न महाकषाय का द्रव्य हैं । सही विधान चुनिए।
#60. Coal mines में काम करने वालों को यह व्याधि होता है।
#61. ……..is known as break bone fever.
#62. “द्रुतद्रांव महाभारी गुणधर्म है “-
#63. कारण द्रव्यों की संख्या है।
#64. सुश्रुत के अनुसार मूर्च्छा के प्रकार है।
#65. AYUSH – SG is made by ?
#66. तुल्यार्थता हि . Tulyarthta hi……
#67. उच्चीटींग का विष कौनसे दोष को प्रकूपित करता है।
#68. व्यंग व्याधि की प्रधान चिकित्सा है।
#69. औषचोषपरिदाह धूमायन यह निम्न में से इसका लक्षण है
#70. अर्श यन्त्र का निर्माण निम्न में से इस द्रव्य से करना चाहिए । (सुश्रुत)
#71. इस आचार्य नुसार गर्भ में सर्वप्रथम नाभि उत्पन्न होती है।
#72. यस्य…….. शक्तिः स विशदः । (हेमाद्रि)
#73. निम्न में से कौनसा पार्थिव द्रव्य नहीं है ? Which of the following is NOT Parthiva dravya ?
#74. हनुस्थित अवेध्य सिराओं की संख्या है।
#75. सी.सी.आर.ए.एस. की स्थापना कब की गई ? When was C.C.R.A.S. established?
#76. चरक अनुसार सर्पदष्ट में स्नेह की मात्रा प्रयुक्त होती है।
#77. कफजगुल्म की चिकित्सा है ।(सुश्रुत)
#78. पश्चाद्रुज व्याधि का वर्णन इस ग्रंथ में आया है।
#79. शारदा व्याख्या नामक टीका निम्न में से इस ग्रंथ पर है।
#80. “अलंकृता रूपवती सुभगा कामरूपिणी” किस ग्रह के सम्बन्ध में कहा गया है ?
#81. बालानां सर्वरोगघ्नो बलपुष्टि अग्निवर्धनः ।…… प्रोक्त आयुष्यो ग्रहदोषहृत ।।
#82. यथोत्तर बलवान होते है । (अ.सं.)
#83. ताळीशाद्य गुटिका का रोगाधिकार है।
#84. स्त्रीषु असंयम इसका निम्न में से इसमें समावेश होता है। (चरक)
#85. पिपिलिका कितनी है ?
#86. चरक के अनुसार अग्निस्वेद है।
#87. एन्ड प्लेट पोटेंशियल किस विशेषता से माना जाता है The end plate potential is characterized by
#88. निम्न में से यह भस्म पेशीसंकोचकारक होता है।
#89. आर्तव को अष्टम धातु माना है।
#90. चरक के अनुसार अक्षिपीड़क कौनसे द्रव्य का पर्याय है ?
#91. This is the symptom of syphilis
#92. रक्त में लघुता इस महाभूत के कारण होती है।
#93. प्राणाः प्राणभूतां यत्राश्रिताः सर्वेन्द्रियाणि च । ….
#94. चरकोक्त 28 यवागु में कुल कितनी पेया हैं ? How many are Peya are there among 28 Yavāgu given by Charaka
#95. S1. चरक अनुसार क्षीर विरेचन द्रव्य का आश्रय हैं। S2. चरक अनुसार निर्यास विरेचन द्रव्य का आश्रय हैं। S1- According to Charaka, Kshira is Ashraya of Virechana dravya. S2- According to Charaka, Niryāsa is Āshraya of Virechana dravya.
#96. जातस्य चतुरो मांसात्……प्रयोजवेत। (का.सु. 23/27)
#97. पारद के मूर्च्छाव्यापत्तिनाशनार्थ यह संस्कार करते है ।
#98. कुश, आमलक, श्यामक सिद्ध यवागू है Kusha, āmalaka, shyāmaka sidha yavāgū is
#99. लोहं लोहांतरे क्षिप्तं ध्यातं निर्वापितं द्रवे । पाण्डुपीतप्रभं जातं. इति अभिधियते ॥ ( र. र. स.)
#100. गोदुग्ध में कितने गुण होते है ? (चरक)
#101. शुक्त अम्लगन्धरस उद्गार व्याधि का पूर्वरूप है।
#102. पाठा इस द्रव्य की Family है ।
#103. वाग्भट के अनुसार कुल नेत्ररोग है।
#104. वेद्यसंदेहभंजन इस ग्रंथ के रचयिता है।
#105. वातोदर के रूग्ण मे संशोधन के पश्चात् बल प्राप्ति के लिए पान कराये।
#106. कुळ नानात्मज विकार है। (च.सू.19)
#107. जलपीतमपामार्ग मूलं हन्यात…..(भा.प्र.)
#108. इस त्रतु में अणुतैळ नस्य का प्रयोग करना चाहिए। (च.सू, 5/46)
#109. यंत्रस्थाल्युपरी स्थाली न्युब्जां दत्त्वा निरंधयेत् । यह कौनसा यंत्र है?
#110. शूळं तु पीड्यमाने च पाणिभ्यां ळभते सुखम्। इस वातव्याधि का ळक्षण है। (च.चि.28)
#111. द्विहस्त चतुरस्त्र यह इस पुट का परिमाण है ।
#112. match the pair नाडी – स्थान 1)हस्तिजीव्हा 2)पुषा नाडी 3) कुहू 4)अलंबुशा a) लिंग b) दक्षिण नेत्र c) दक्षिण कर्ण d) मुख
#113. कर्णनाडीनासाशल्याणां आहरणार्थ किस यंत्र का उपयोग करना चाहिये?
#114. कॉपर की दैनिक आवश्यकता है Daily requirement of Copper is
#115. इस गर्भवती स्त्री की संतान उन्मत्त होती है।
#116. लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार समास के प्रकार है –
#117. पादहीन बस्ति प्रमाण प्रसृत होता है । (सुश्रुत)
#118. संभृष्टपरुष छवि यह इस शोष का लक्षण है।
#119. विष्यन्दमार्दवक्लेदकारकम किसका लक्षण है “VishyandaMārdavaKledaKārakama” is?
#120. भावप्रकाश संहिता में प्रकरण संख्या है।
Results
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You tried well! Keep practicing. Best wishes.
Nice test 💯
Tq.
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Thankyou sir
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