Dhanwantari Wisdom Challenge (DWC)

Free Daily Test for AIAPGET & Ayurveda Medical Officer Exam

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Free daily test covering the entire AIAPGET syllabus.

👉🏻Test Details:
◼️ Collection of 50,000 MCQs.
◼️ Number of Questions in each test: 120
◼️ Scoring: 1 mark for each correct answer, no negative marking.
◼️ The quiz is available for multiple attempts for practice.
◼️ Time Limit: 120 minutes ⏳

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START QUIZ

#1. कर्णमूल में सुदारुण शोथ यह इस व्याधि का उपद्रव है । (चरक)

#2. शुक्राशयद्वारविघट्टनेन इस कारण से उत्पन्न नपुंसक निम्न में से इस प्रकार का होता है।

#3. स्मृती के कारण है

#4. 2 प्रकार वाले व्याधि है।

#5. कोष्टुकशीर्ष में दोषदुष्टि होती है। (सुश्रुत)

#6. शुध्द आयुर्वेद पाठ्यक्रम’…. इस कमेटी का प्रस्ताव है।

#7. ब्राह्याः सिरा प्राप्य यदा कफासृक्पितानी संदूषयतीह वायुः तैर्बध्दमार्गः स तदा विसर्पत्युत्सेधलिंगं….. करोति ।।

#8. सुश्रुत के अनुसार ‘खदिरकषाय’ इस कफज प्रमेह प्रकार की चिकित्सा है।(च.चि.3)

#9. रसोऽपि श्लेष्मवत्’ यह सूत्र इसके संदर्भ में है ।

#10. चर्मदल इस त्वचा में होता है।

#11. बडीश धामार्गव के अनुसार रस की कुल संख्या है।

#12. “सहस्य प्रथमें मासि”में इस दोष का मिर्हरण करे। (च.सू. 7/46)

#13. चिष्टब्धाजीर्ण से इस रोग की उत्पत्ति होती है। (सु.उ.56/3)

#14. आरग्वधीय अध्याय में किसका वर्णन है – Āragvādhiya chapter is about

#15. शूलं तु पीड्यमाने च पाणिभ्यां लभते सुखम् | यह इस वातव्याधि का लक्षण है । (चरक)

#16. वैद्यातुर निमित्त वमनं विरेचनं च..व्यापद्यते। (सुश्रुत)

#17. चरक के अनुसार कषाय योनि है?

#18. मदयूरघृत का रोगाधिकार है।

#19. निम्न में से धातुगत ज्वर में अन्तर्दाहः लक्षण पाया जाता है।

#20. S1. मदनफल के 133 वमन योग हैं। S2. चरक अनुसार कुल 345 वमन योग हैं । S1- There are 133 Vamana Yoga of Madanaphala. S2- According to Charaka, total Vamana Yoga are 345.

#21. एक साल से पहले क्षतक्षीण……. होता है

#22. उपद्रव का वर्णन चरकाचार्य ने निम्न में से इस अध्याय में किया है ।

#23. आचार्य चरक के अनुसार कौन से महाभूतों का युग्म ‘श्याम वर्ण’ का कारक है। According to Charaka , combination of which mahābhūta is the cause of “shyāma varna”?

#24. द्राक्षाखर्जूरप्रियालबदरदाडिमफल्गुपरूषके क्षु-यवषष्टिका इति दशेमानि………भवन्ति । उपरोक्त द्रव्यों का गण…….कर्म से सम्बंधित है। Drākehā kharjūra priyāla badara dādhima phalagu parushakekshu- yava shashtikā iti dashemāni….bhavanti. The following gana of dravyas has what karma

#25. “प्रभाव भेद” अनुसार, चरक ने द्रव्य का विभाजन किया गया है – As per “Prabhāva Bheda”, Dravyas are divided into

#26. कफज कास में यह चिकित्सा प्रयुक्त होती है।

#27. प्रयोग भेद से द्रव्य के प्रकार है।

#28. कर्णवेधन इस मास में करना चाहिए । (सुश्रुत)

#29. वृक्कस्थित अंतविद्रधि उत्पन्न होने का लक्षण है।

#30. चरक ने अश्वगंधा का वर्णन किस महाकषाय में किया है ? Charaka has described Ashwagandha among which Mahakshaya

#31. शिशु के लिये संवर्धन घृत का वर्णन इस आचार्य ने किया है।

#32. न्यायदर्शनानुसार सृष्टि का निमित्त कारण है।

#33. कर्णसंस्त्राव में दोष प्राधान्य होता है।

#34. चरक के अनुसार अक्षिपीड़क कौनसे द्रव्य का पर्याय है ?

#35. शूलं तु पीड्यमाने च पाणिभ्यां लभते सुखम् | यह इस वातव्याधि का लक्षण है । (चरक)

#36. उपवास के प्रमुख प्रकार है।

#37. व्याधि के इस अवस्था में व्भणस्थ अर्धेन्दुवक्रया दहन का प्रयोग करे। (सु.चि.19/22)

#38. अष्टाङ्ग संग्रह मतानुसार, ‘हर्ष’ व ‘विषाद’ किस वायु का प्रकोपक हेतु है ?

#39. “यवानां यमके पिपल्यामलकेह श्रुतः” किस यवागू के सन्दर्भ में कहा गया है ? “Yavānām yamake pippalyamalakeh shrutah” is said in context to which yavāgū?

#40. उच्चीटींग का विष कौनसे दोष को प्रकूपित करता है।

#41. “शीतं मन्दं मृदु श्लक्ष्णं रूक्षं सूक्ष्म” किन द्रव्यों के गुण है?

#42. मुखबोधन यह इस रस का कर्म है। (चरक)

#43. Which one of the following is NOT a Non- probability sampling?

#44. इन्द्रियार्थेषु सम्प्राप्ति गौरवम्’ इसका लक्षण है।

#45. S1. चरक अनुसार अश्वगंधा बल्य महाकषाय का द्रव्य हैं | S2. चरक अनुसार मातुलुंग हृद्य महाकषाय का द्रव्य हैं । S1- According to Charaka, Ashvagandhā is dravya of Balya Mahākashāya. S2- According to Charaka, Mātulunga is dravya of Hrudya Mahākashāya.

#46. असत्य विकल्प चुनिए

#47. परिशिष्ट स्थान’ इस संहिता का वैशिष्ट्य है।

#48. वचा का समावेश किस महाकषाय में है ? Vacha is included in which mahākashāya ?

#49. आकण्ठपान यवागू सेवन प्रसव के इस अवस्था में करना चाहिए

#50. रससंकेत कालिका इस ग्रंथ के लेखक है ।

#51. Grey turners sign is present in………

#52. अचिन्त्यवीर्यो’ वायु संबंधी विशेष कथन आचार्य का है।

#53. Harvard and Vancouver are the names for styles of

#54. अन्यतोवात’ व्याधि….. के आश्रय से रहता है।

#55. उचित पर्याय चुनिये ।’ ( व्याधि एवम् पिडका उत्पत्ति ) – 1) अंजननामिका 2) लगण 3) अर्शोवर्त्म 4) पोथकी || (a) एर्वारू (b) मुद्ग (c) सर्षप (d) कोल

#56. Assertion: orphan drug is a pharmaceutical Agent developed to treat medical Condition which is So rare. Reason: It is called orphan Drug because due to its limited Market. It is unlikely to be adopted by a pharmaceutical Company.

#57. मन्दवेदना अल्पशोफता’ शोफ की अवस्था का ळक्षण है।(सु.सू.17/11)

#58. दंतगुणघ्नी’ इस दंतगत रोग संबंधी का वर्णन है।

#59. s1-“तिन्दुक” उदर्दप्रशमन महाकषाय वर्ग में आता है । S2-खदिर अंगमर्दप्रशमन महाकषाय में आता है । S3 लाजा दाहप्रशमन महाकषाय में आता है । S1- Tinduka” comes under mahākashāya । S2- khadir comes under angamardprashaman mahakashay । S3- laja comes under dahaprashaman mahakashay

#60. मर्म, अस्थि, संधि कौन से रोगमार्ग से संबंधित है।

#61. समीरपन्नग रस को इस द्रव्य की भावना देते है।

#62. अशीघ्र आरंभ क्षोभविकारा’ कफप्रकृति का लक्षण इस गुण के कारण है।

#63. चरकानुसार योनिभेद से द्रव्य प्रकार कितने हैं?

#64. भूमिगत मल प्रणाली सर्व प्रथम शहर में स्थापित हुयी है।

#65. अगस्त्य हरीतकी का रोगाधिकार है।

#66. प्रौढ व्यक्ति में उसके शरीर भार के …% proteins होते है।

#67. सी.सी.आर.ए.एस. की स्थापना कब की गई ? When was C.C.R.A.S. established?

#68. “अन्नकालेचायासः” किसका पूर्वरुप हैं?

#69. अष्टांग हृदय ग्रंथ के चिकित्सास्थान में कुल अध्याय है।

#70. वैक्रान्त भस्म की प्राकृत मात्रा है।

#71. Daily protein requirement during pregnancy is

#72. Is the most common abnormality in curvature of cornea.

#73. योनि शकटाकृति अपत्यळाभाय। संदर्भ है।

#74. सुश्रुतनुसार कुकुणक में दोष प्राधान्य होता है।

#75. तिमिरदर्शन यह निम्न में से इसका लक्षण है ।

#76. ‘नासिकाग्रं’ पर दृष्टि केन्द्रित करके त्राटक करते है ।

#77. आसव’ निर्माणार्थ श्रेष्ठ ऋतु है।

#78. सत्य वचन चुनिए ।

#79. हृदिवेदना यह इस विषवेग का लक्षण है। (सुश्रुत)

#80. द्विगु समास…. का भेद है।

#81. निर्वक्रगोलकाकारा पुटनद्रव्यगर्भिणी । … इति सा प्रोता सत्त्वरद्रवरोधिनी । ( र. र. स.)

#82. अर्दित…… मार्गगत व्याधि है ।

#83. रसतरंगिणी के अनुसार कृत्रिम हरताल निर्माणार्थ आर्सेनिक एवं सल्फर का अनुपात कितना लेना चाहिए ? According to Rasataranginī, for the formation of Krutrima Haratāla, how much is the ratio of Arsenic and Sulphur?

#84. कणठघ्न’ इस फळ का कर्म है। (च.सू.27/137)

#85. मूढगर्भ की गतियाँ है।

#86. पित्त क्षार अग्नि से दग्ध पुरूष……उपक्रम योग्य है।

#87. योनिः – लम्बा …

#88. Assertion: श्लेष्महर कर्म नेत्र के स्वास्थ्य के लिए हितकारी होते हैं। Reason: नेत्र तेज स्वरूप हैं ।

#89. बस्तिकटिमुष्कमेद्रेषु वेदना मारूतनिग्रह….. शोफश्चेति । पूर्वरूप है।

#90. सेवमानो यदौचित्याद्वाजीवात्यर्थ वेगवान् । नारीस्तपर्यते तेन वाजीकरणमुच्यते ॥ संदर्भ ?

#91. वंग धातु का द्रवणांक है।

#92. उपवास यह मन्दाम्नि का कारण हो तब चिकित्सार्थ विशेष उपयोगी है।(च.चि.15)

#93. वाक्ग्रह यह वमन के इस योग का लक्षण है । (चरक)

#94. गलगण्ड का यह प्रकार माधवनिदान में वर्णित नहीं है।

#95. अपस्मार, उन्माद, ग्रहहर मूत्र है Apasmara, Unmada, Grehahara Mutra is

#96. शारंगधर के अनुसार नेत्र कल्प कितने होते है According to sharangadhara number of netra kalpa is?

#97. रक्त में लघुता इस महाभूत के कारण होती है।

#98. शारङ्गधर कुटजावलेह का अनुपान होता है – According to Shārangadhara, anupāna of Kutajāvaleha is -?

#99. चंद्रप्रभा वटी का रोगाधिकार है। (भै.र.)

#100. प्राणाः प्राणभूतां यत्राश्रिताः सर्वेन्द्रियाणि च । ….

#101. Albizzia lebbeck यह इस द्रव्य का लॅटिन नाम है।

#102. हिक्का यह लक्षण…….. विष वेग में मिलता है।

#103. शीघ्रवाही निम्न में से कौनसी सिरा है? .

#104. निम्न में से यह विधान गलत है।

#105. गंभारी का रस है ।

#106. शलाका यंत्रों की संख्या है। (सुश्रुत)

#107. वाग्भट के अनुसार रंजक पित्त का स्थान है।

#108. अकाले बाहमानया गर्भेण पिहितोऽनिलः | यह इस योनिव्याप का हेतु है।

#109. ग्रहणी व्याधि को अष्टमहागद में समाविष्ट किया है।

#110. शूळं तु पीड्यमाने च पाणिभ्यां ळभते सुखम्। इस वातव्याधि का ळक्षण है। (च.चि.28)

#111. Average length of small intestine is …..

#112. कुटकी किस महाकषाय के अंतर्गत है Kutaki is included under which mahākashāya?

#113. आचार्य चरक के अनुसार श्रेष्ठ विरेचन द्रव्य कौन सा है ? Which one is shreshtha Virechana dravya

#114. शंखक रोग में इस दोष का प्रकोप होता है।

#115. गुडूच्यादि घृत इस व्याधि का रोगाधिकार है ! (चरक)

#116. चरक संहिता में “पंचकर्म” शब्द का सबसे पहले वर्णन कहां किया गया है? In which chapter of Charaka Samhita word “Panchkarma” has come for the first time

#117. वल्मीक व्याधि दोषोद्भव है।

#118. जत्रुमूल से उत्पन्न हिक्का है। (सु.उ.50)

#119. यौवनपिडका की विशेष चिकित्सा है ।

#120. तिलपुष्पप्रतिकांश कौनसा योनिकंद होता है।

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