Test Series – 1

Last updated on September 6th, 2024 at 11:05 pm

 
START QUIZ

#1. निम्न को सुमेलित करे । A) तंद्रा B)मुखपाक C)खल्ली D)भ्रम , 1.रक्तप्रदोषज 2. मज्जा प्रदोषज 3. रस प्रदोषज 4.स्नायुप्रदोषज

#2. द्विगु समास…. का भेद है।

#3. KNO3 क्या है?

#4. डिम्ब को कोष्ठांग माना है

#5. योनिव्यापद एवं उनके लक्षण संबंधी सत्य विधान चुनिए । 1. नित्यवेदना- विप्लुता (सुश्रुत) 2.अतिवेदना शुष्का (वाग्भट) 3. अल्पवेदना- कफज (चरक)

#6. त्रिशिख ब्राह्मणोपनिषद के अनुसार पूरक, कुंभक, रेचक प्राण

#7. वैद्यकशब्द सिन्धु लेखक

#8. इन्द्रियार्थेषु सम्प्राप्ति गौरवम्’ इसका लक्षण है।

#9. काश्यप मतानुसार ‘हस्तस्वेद’ किस वय तक के शिशु में करना चाहिए।

#10. SMART criteria is used for

#11. लघुसिद्धान्तकौमुदी के अनुसार समास के प्रकार है –

#12. अविधेय परिस्पन्द जनयन्ति अल्पविक्रम…. व्याधि की सम्प्राप्ति है।

#13. गलगण्ड किस मार्गगत रोग है?

#14. पंचमक्रियाकाल है।

#15. Discrete data is type of data

#16. S1. चरक अनुसार विडंग कुष्ठघ्न और कृमिघ्न महाकषाय के द्रव्य हैं। S2. चरक अनुसार अरुष्कर कुष्ठघ्न महाकषाय का द्रव्य हैं । सही विधान चुनिए।

#17. उपप्लुता योनिव्यापद में दोषप्राधान्य होता है।

#18. सही विधान चुनिए। 1-चरक ने आत्मा के गुण 16 बताए हैं । 2- सुश्रुत ने आत्मा के 22 गुण बताए हैं । 3-चरक ने आत्मा के 6 गुण बताए है। 4- सुश्रुत ने आत्मा के 16 गुण बताए है । 5- चरक ने आत्मा के 22 गुण बताए है।

#19. match the pair -A)घोर शस्त्रविषोपमम् B)अश्मरीसम शूलं C)अपक्तिमूत्रविट्सङ्ग D)चिरं धारय्यतो मूत्र , 1)बस्तिकुण्डल 2)रक्तग्रन्थि 3) मुत्रातीत 4)मूत्रजठर

#20. सामान्य कर्णरोगेषु – ——- रसायनम् ।

#21. वामिनी योनिव्यापद सुश्रुतानुसार दोष-

#22. चरकानुसार 1) व्रण-स्राव 2) दुष्टव्रण संख्या 3 ) व्रण उपक्रम 4 ) व्रणित उपद्रव क्रमशः होते है।

#23. अर्श प्रपीडनार्थ…….यन्त्र का उपयोग करते है ।

#24. कर्णनाडीनासाशल्याणां आहरणार्थ किस यंत्र का उपयोग करना चाहिये?

#25. चरक के अनुसार कषाय योनि है?

#26. रसकर्पूर की चिकित्सकीय मात्रा है

#27. “रुक्षान्तर्दाह आमशयेतरश्लेष्माशय शून्यता” किसका लक्षण है ?

#28. Wilson disease is characterised by all except

#29. पारावतपदी कौनसे द्रव्य का पर्याय है?

#30. सुश्रुत के अनुसार अस्थिविद्रधि मे निम्न मे से कौनसा स्त्राव होता है?

#31. स्मृती के कारण है

#32. सही विकल्प चुनिए-1) क्षारोक्षितक्षताक्षित्वं (वाग्भट) – पित्तज नेत्राभिष्यंद 2)क्षारेणाक्तमिव क्षतम् (सुश्रुत)- पित्तज नेत्राभिष्यंद 3)नासानाह – वातज अभिष्यंद (वाग्भट) 4)नासाध्मान – कफज अधिमंथ (सुश्रुत) 5)नासाध्मान – कफज अभिष्यंद

#33. स्यादवाद’ दर्शनसे संबंधीत है-

#34. तिक्त स्निग्ध पित्त अविरोधि चरक ने कौनसे मुत्र के लिए कहा है?

#35. मर्म, अस्थि, संधि कौन से रोगमार्ग से संबंधित है।

#36. वातमलप्रवर्तक कौनसे गुण का कार्य है

#37. चरक ने द्रव्यसंग्रह में सर्वप्रथम किसकी गणना की है

#38. ताम्र के विष दोष है –

#39. चूर्ण कल्पना का सवीर्यता अवधि कितना है

#40. वाग्भट नुसार गण्डूष प्रकार कितने है?

#41. चरक मतानुसार विषमां कुरूते बुद्धि नित्यानित्ये हिताहिते किसका लक्षण है

#42. ऋतु और सेवन योग्य जल का योग्य मिलाप करे।A) वर्षा ऋतु B) शरद ऋतु C) हेमंत ऋतु D) वसंत ऋतु 1) सर्व प्रकार के जल 2) कौप जल 3) आन्तरीक्ष जल, औद्भिद् जल 4) सारस, ताडाग

#43. सृष्टलोह विनाशिनी किसके लिए कहा गया है।

#44. व्यंग व्याधि की प्रधान चिकित्सा है।

#45. AYUSH – SG is made by ?

#46. आचार्य काश्यप अनुसार पक्ति रस का अंजली प्रमाण है ।

#47. योनिस्तोद, पिपलिका सुप्ति इस लक्षणों से युक्त स्त्री को निम्न में हितकारी चिकित्सा है।

#48. A. चरक अनुसार रक्त मोक्षण के बाद लघु दीपनीय भोजन करना चाहिए। R. रक्त धातु क्षय के कारण अग्नि मंद हो जाती हैं और गुरु अन्न का सेवन किया जाए तो उसका पाचन भली भांति नही हो पाएगा।

#49. धात्रिप्रयोग इस शोथ में प्रयुक्त होता है।

#50. चरकोक्त पिप्पली वर्धमान रसायन में कुल कितनी पिप्पली प्रयुक्त होती हैं?

#51. “नीलपुष्प प्रतिकाशं” किसका लक्षण है ?

#52. मृदुमांसखण्ड पर योग्या कर्म करे।

#53. सुश्रुत के अनुसार स्थावर विष के अधिष्ठान है?

#54. सही विकल्प चुनिए 1)शरीरकम्पः सम्मोह गतिवचन नाश 6 मास का अरिष्ट है 2) ललाट पर चन्द्रवक्र रेखा आना 3 मास का अरिष्ट है 3)पुरुष के सिर में गोमय (गोबर) के सदृश चूर्ण 1 मास का अरिष्ट है 4) न पश्चति अरुन्धती 1 मास का अरिष्ट है 5) रेतमूत्रपुरीषाणि यस्य मज्जन्ति चाम्भसि 1 मास का अरिष्ट है

#55. चरक संहिता का सूत्र स्थान किस दर्शन से प्रभावित है?

#56. “अकस्मात् अट्टहसनं” किस व्याधि का विशिष्ट लक्षण है-

#57. चरक के अनुसार लशुन क्षीर का रोगाधिकार है ?

#58. काश्यप अनुसार निम्न में से कौन से स्नेह में योनिविशोधन गुण पाया जाता है ?

#59. वाग्भटानुसार क्रमश: क्षार गुण एवं दोष संख्या है।

#60. The Ministry of Ayush was formed on?

#61. सत्य विधान चुनिये। 1-जायते तु मृतं नित्यं यस्या नार्या सवे सवे -नाकिनी। 2-नाकिनी जातिहारीणी का समावेश असाध्य जातिहारिणी में किया गया है। 3-यस्यातु गर्भरूपाणि पंच षट सप्त वा मरियंते अनंतरम -पिशाची जातिहारिणी। 4- पिशाची जातिहारिणी का समावेश याप्य जातिहारिणी में किया गया है ।

#62. Grey turners sign is present in………

#63. कार्श्यमुद्गारबाहुल्यम् यह…. इस व्याधि का पूर्वरूप है

#64. पैत्तिक गुल्म में श्रेष्ठ बस्ति है।

#65. Which schedule should you refer for having information about Good manufracturing practices for Ayurved drugs?

#66. सुश्रुतानुसार तिक्तद्रुमपत्रक्वाथ से किस ग्रह बाघा में अवसेचन कराया जाता है?

#67. महास्फिक् लक्षण मिलता है

#68. सही विकल्प चुनिए 1)नेत्रगत पटल का बाहुल्य दृष्टि के पंचमांश होता है 2)दृष्टिविशारद अनुसार कृष्णभाग के नवमांश दृष्टि होती हैं 3)नेत्रायां त्रिभागन्तु शुक्लमण्डलं उच्यते 4)नेत्रगोलक का बाहुल्य 2 अंगुल होता है

#69. शंखक रोग में इस दोष का प्रकोप होता है।

#70. लक्षण और विकार में योग्य मिलाप करे।1. गर्भवृद्धि न प्राप्नोति निस्त्रूतत्वात 2. स मातुः कुक्षि पूरयति मन्दं स्पन्दते3. गर्भवृद्धि न प्राप्नोति परिशुष्कत्वात4. गर्भ प्रसुप्तो न स्पंदते। a) शुष्यति गर्भ b) उपविष्टक c) लीनगर्भ d) नागोदर

#71. North Eastern Institute of Ayurveda and Homopathy (NEIAH) is situated in —–?

#72. It is a visual way to describe the nature of the relationship between the independent and dependent variable

#73. “सर्वेन्द्रियाणि सर्वाङ्गावयव गर्भ में किस मास में उत्पन्न होता है ?

#74. जलपीतमपामार्ग मूलं हन्यात…..(भा.प्र.)

#75. कथन 1: सुश्रुत अनुसार, “उत्सन्नमृदुमांसानां व्रणान्” अवसादन उपक्रम के सन्दर्भ में कहा गया है। कथन 2: सुश्रुत अनुसार, ” कठिनानाममांसानां दुष्टानां मातरिश्वना” दारुण उपक्रम के सन्दर्भ में कहा गया है।नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन करे।

#76. चरक के अनुसार ‘केशसीमन्तकृज्जवर ‘……… ज्वर का लक्षण हैं

#77. जोड़ियां मिलाए। 1)रक्तमेदप्रसाद 2)मांसासृक्कफमेदः प्रसाद 3)शोणितकफप्रसाद 4)कफशोणितमांसानां a)जिह्वा b) हृदयं c)वृषणौ d)वृक्कौ

#78. योग्य मेल करे। 1. मूल सिरा (सुश्रुत) 2. मूल सिरा (वाग्भट) 3.मूल सिरास्थान (सुश्रुत) 4.मूल सिरास्थान (वाग्भट) a)हृदय b)10 c)नाभी d)40

#79. निम्न में से गलत पर्याय चूनिये।

#80. चरक के अनुसार सन्धिशैथिल्य निम्न मे से किसका लक्षण है?

#81. पाराशरनुसार तिक्त रस का विपाक… होता है।

#82. कुमारशिरा भरद्वाज नुसार रस संख्या.

#83. शारंगधारानुसार किलास व्याधि का अधिष्ठान है।

#84. “कुष्ठगन्धिनी ” भावप्रकाश के अनुसार कौनसे द्रव्य का पर्याय है?

#85. गुल्म व्याधि में नारायण चूर्ण का अनुपान क्या है?

#86. नवम मास में ओज अस्थिर होता है। ऐसा इस आचार्य ने कहा है?

#87. सुश्रुतानुसार लघुपंचमूल दोषघ्नता है

#88. चरतो विश्वरूपस्य रुपद्रव्यं यदुच्यते’ इससे संबंधित है।

#89. Amyl Nitrate is an antidote for poisoning with

#90. जोडीयां मिलाएं । 1. मध्यकायगत स्नायु 2. उर्ध्वजत्रु पेशी 3. शाखागत अस्थि 4. तिर्यक धमनी a)4 b)34 c) 120 d) 230

#91. षट् कारण वाद में समाविष्ट नहीं है।

#92. मूलजं कन्दजम् वा विषमासेवयेत् …व्याधि की चिकित्सा है।

#93. Most common cause of generalied peritonitis in a 40 year old adult male is

#94. सही मिलाप करे A)रसबन्धविधायक B)सुतेन्द्रवीर्यप्रदः C)देहलौहकरं परम् D)सर्वरसायनाग्र्य 1)रसक 2)गन्धक 3)चपल 4)मनःशिला

#95. सुश्रुतानुसार दुर्निवारणीय रोग है

#96. चतुर्बीज में कौनसे द्रव्य का समावेश नहीं होता है ?

#97. The ‘3P’s in TKDL are ?

#98. Match the Pair- Wild indigo ii) Devil’s cotton iii) Devil’s dungi v) Monkshood A. उलट कम्बल B. शरपुंखा C. वत्सनाभ D. हिंगु

#99. बन्धोपतपैश्च भवेद्विशेषः’ यह कौनसे शिरोरोग का लक्षण है?

#100. “दहत्यग्रिरिवादौ तु भिनत्तीवोर्ध्वमाशु च” किस विष का लक्षण है –

#101. कौनसे प्रतिश्याय में कृमिज शिरोरोग के समान लक्षण होते हैं ?

#102. यथाण्ड तरूण पूर्णतैल पात्र, गोपाल इव दण्डिका’ संदर्भ –

#103. Root of administration of BCG vaccine

#104. उपूपध्मनीयानां …..

#105. चरकानुसार योनिभेद से द्रव्य प्रकार कितने हैं?

#106. कथन 1- चरक अनुसार, ऊर्ध्व नाभि में गुल्म उत्पन्न होने पर स्नेहपान निर्दिष्ट है। कथन 2- चरक अनुसार, जठर प्रदेश में गुल्म उत्पन्न होने पर विरेचन निर्दिष्ट है। निम्नलिखित कथनो में से सही विकल्प का चयन करे।

#107. अनुवासन बस्ति प्रत्यागमन काल है

#108. आचार्य सुश्रुतानुसार वराह मांस खाने से होनेवाला गर्भ होता है।

#109. कफपित्तप्रशमनी रौक्ष्यात च अनिलकोपनी । कहा गया है –

#110. “Recall bias” is most commonly associated with the following study design

#111. कासश्वासहरश्चैव विशेषण.. के गुण है।

#112. रजस्वला काल में निषेध है।

#113. आसीनो लभते सौख्यं उष्णं चैवाभिनन्दितैः ” किसका लक्षण है-

#114. असत्य विधान चुनिए । 1. काश्यप के मतानुसार योनिव्यापद में मण्ड निषेध है। 2. आचार्य भेल के मतानुसार शुक्र दोष 7 है। 3. उदुम्बर तैल कफज योनिव्यापद की चिकित्सा है 4. आचार्य हारीत ने मूढगर्भ की मन्थर गति बताई है। 5. संग्रह ने दौहृदय उत्पत्ति 5 वे मास में बताई है। 6. शारंगधर ने स्त्री शुक्र एवं आर्तव को अष्टम धातु माना है।

#115. सुश्रुतानुसार सीवन के प्रकार है।

#116. दुःखाद दहति अग्निरिव किसके लिए कहा गया है

#117. लेखन द्रव्य में महाभूत संघटन होता है –

#118. मूढगर्भ की गतियाँ है।

#119. ……..बस्तय सर्वकालं देया।

#120. शुष्कशष्कुली में कर्णसंधान विधि प्रयुक्त करे।

Previous
Submit

Results

Great! You are amazing. Keep it up. Best wishes.

You tried well! Keep practicing. Best wishes

1 thought on “Test Series – 1”

Leave a Comment

Shopping Basket
HOME
Live TV
Enroll/ buy
Helpdesk
Back
×
Scroll to Top