#1. अरुणदत्त के अनुसार सप्तविध कल्पना के आश्रय है ।
#2. ककुभ निम्न में से इसका पर्याय है ।
#3. भावप्रकाश के अनुसार स्त्रोतसामवरोधकृत यह गुण होता है।
#4. ‘पुनर्जन्म सिद्धि’ का वर्णन चरक संहिता के सूत्रस्थान इस अध्याय में आया है ।
#5. ‘अवाची’ यह इस दिशा का नाम है ।
#6. पूर्वमीमांसा दर्शनोक्त द्रव्य कितने है ?
#7. . मध्वाचार्य ने द्रव्य बताये है ।
#8. नाभिस्थान में उत्पन्न होनेवाली वाणी हे ।
#9. प्रमाण के पर्याय हैं।
#10. जाठराग्नि अर्थात् ……… ।
#11. नाम परपक्षे दोषवचनमात्रमेव । (च.वि.)
#12. उर्ध्वगति इस तेज की होती है ।
#13. निम्न में से नास्तिक दर्शन नहीं है।
#14. संस्कारमात्रजन्यं ज्ञानं ….।
#15. यत्रावयवधारा अविश्रान्तिः स परमाणुः ।
#16. निम्न में से इसका समावेश पंचक्लेशों में नहीं होता ।
#17. ‘वृक्ष पर पक्षी का बैठना’ यह इस संयोग प्रकार का उदा. है ।
#18. नवन्याय’ इस सम्प्रदाय की शुरुवात ……. ने की।
#19. अचेतन द्रव्यों में होनेवाली हलचल . … यह कर्म है ।
#20. प्रतीची दिशा की देवता …….. है।
#21. हठयोग प्रदीपिका के लेखक हैं।
#22. तर्क के भेद है।
#23. सुश्रुत के अनुसार पदार्थ है ।
#24. उपमान को स्वतंत्र प्रमाण माना है।
#25. निम्न में से मन है ।
#26. …-इस अवस्था में चित्त रजोगुण से प्रभावित होता है ।
#27. सत्त्वरजो बतुलो ।
#28. प्रसिद्ध साधम्यांत् साध्यसाधनम् …. । (न्यायदर्शन)
#29. यः व्याप्नोति स…………. ।
#30. परिमिता का वर्णन इस दर्शन में आया है ।
#31. एकदेशापकर्षन यथा’ इस का संबंध इस तंत्रयुक्तिसे है ।
#32. तमोबहुला….।
#33. गंध गुण के प्रकार निम्न में से हैं ।
#34. लिंगशरीर तत्त्वात्मक होता है ।
#35. बौद्धदर्शन में ……… प्रमाण वर्णित है ।
#36. चरकाचार्य ने कार्यकारणभाव के कितने मुझे बताये है ।
#37. अनेकांतवाद’ ……… दर्शन में वर्णित है।
#38. निम्न में से ये जैनोक्त प्रमाण है ।
#39. अपि सदोषमाख्यातं मोहांशत्वात् । (चरक)
#40. माध्यमिक मत इस बौद्ध संप्रदाय को कहते है ।
#41. ‘समास वचनम् है।
#42. सूत्तपिटक के कुल कितने भाग है ?
#43. इस अनुमान से गर्भधारणा से मैथुन का ज्ञान होता है ।
#44. पुरुष है ।
#45. निम्न से यह पदार्थ का सामान्य लक्षण है ।
#46. त्रिविध अंतःकरण में इसका समावेश नहीं होता ।
#47. पृथ्वी महाभूत में कितने प्रकार का रूप रहता है ।
#48. युक्ति के यौगिक और अयौगिक प्रकार ने बताये है।
#49. अनुमान परिक्षा भयं ….।
#50. मनोव्याकरणात्मकम् | यह मन का लक्षण – ने बताया है।
#51. अनित्य अथवा कार्यरूप द्रव्य के प्रकार है ।
#52. संहतपरार्थत्वात्’ से पुरुष तत्त्व का / की स्पष्ट होता है।
#53. प्रभाकर के अनुसार प्रमाण कितने है ?
#54. यो अर्थः प्रमियते तत् –
#55. वेग, भावना, स्थितिस्थापकत्व ये इसके प्रकार है ।
#56. गंध गुण के प्रकार कितने है ।
#57. दर्शन के प्रमुख भेद कितने हैं ?
#58. ‘अपथ्य सेवन से हानि नहीं होती’ यह इस शब्द का उदाहरण है ।
#59. कुमारील भट्ट के अनुसार प्रमाण है ?
#60. सांख्य दर्शनकार हैं।
#61. जैन दर्शनोक्त व्रत कितने है ।
#62. ऐतिह्य प्रमाण अर्थात….. प्रमाण
#63. उपमान के प्रकार है ।
#64. तेज महाभूत के प्रशस्तपादोक्त गुण …. है ।
#65. एक द्रव्यम् अगुणं संयोगविभागेषु अनपेक्ष करणं इति… ।
#66. मिथ्य आहारविहार रोग का ……… कारण है।
#67. षड्कारणवाद’ में इसका समावेश नहीं होता ।
#68. सामवेद से संबंधित उपनिषदों की संख्या कितनी है ?
#69. पंचास्तिकाय में इसका समावेश नहीं होता ।
#70. आत्मा के अस्तित्व की उपलब्धि इस प्रमाण से होती है ।
#71. अभाव पदार्थ किसने बताया है ।
#72. अष्टांगसंग्रह के अनुसार तंत्रयुक्ति है ।
#73. स्वर्णादि धातु गत तेज निम्न में से है ।
#74. प्रशस्तपादोक्त काल के गुण है।
#75. आचार्य चरक नुसार त्रिदण्ड में इसका समावेश नहीं होता ।
#76. चक्रपाणि ने इन गुणों को चिकित्सोपयोगी गुण कहा है।
#77. पीलुपाकबाद किसने बताया ?
#78. सर्वव्यवहार हेतुः ज्ञानं … ।
#79. अपृथक्भावो भूम्यादिनां गुणैर्मतः ।
#80. . संज्ञासंज्ञि संबंध ज्ञानम् … । (तर्कसंग्रह)
#81. पृथ्वी महाभूत का स्पर्श है ।
#82. शब्द का प्रसारण इस न्याय से होता है ।
#83. यस्य शमने शक्तिः स – 1 (भा.प्र.)
#84. इन्द्रियों को अहंकारिक माना है।
#85. सार्थ गुण निम्न में से है ।
#86. इस में से यह आप्तगुण नहीं है ।
#87. दुःख कितने प्रकार का होता है । (सांख्य)
#88. बर्फ (हिम) को स्पर्श किये बिना उसकी शीतलता का ज्ञान होना — यह लक्षण है ।
#89. हाथ में ध्वज लेकर है वह नेता है’ यह इस लक्षण का उदाहरण है ।
#90. पूर्वमीमांसा’ दर्शन के रचयिता है ।
#91. सुश्रुतोक्त आत्म लक्षण कितने है ?
#92. परिणामवाद इस दर्शन का है ।
#93. अंतःकरण चतुष्टय में इसका समावेश नहीं होता ।
#94. धर्मजन्म अनुकूलवेदनीयं गुणः सुखम् । इस सूत्र को किसने कहा है ?
#95. खलु तक युक्त्यपेक्षः ।
#96. प्रत्यक्ष ज्ञान के बाधक कारणों में इसका समावेश नहीं होता।
#97. यथार्थ अनुभवः प्रमा, तत् साधनं च प्रमाणम् । इस सूत्र का संदर्भ है ।
#98. चरकाचार्य के अनुसार तंत्रयुक्तियाँ है ।
#99. आद्यपतनस्य असमवायी कारणं — 1
#100. वैशेषिक सूत्र इस ग्रंथ में कुल अध्याय है ।
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